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पशु बिक्री प्रतिबंध पर गंभीर हुई केंद्र सरकार, जल्द होगा बड़ा फैसला
नई दिल्ली : पशु कारोबार पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर देशभर में हो रहे विरोध एवं विवादों को देखते हुए केंद्र सरकार ने मंगलवार को इस पर फिर से विचार करने का संकेत दिया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान इस बात के संकेत दिए।
हालांकि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि केंद्र सरकार ने यह आदेश किसी राज्य के खिलाफ या किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं दिया है।
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नायडू ने कहा कि मवेशियों की बिक्री के संबंध में सरकार ने नए नियम पशुओं के खिलाफ क्रूरता पर रोकथाम लगाने के उद्देश्य से जारी किए थे। मवेशियों की खरीद-बिक्री से जुड़े माफिया गिरोहों पर लगाम लगाने की जरूरत को देखते हुए तथा सर्वोच्च न्यायालय और एक संसदीय समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखकर नए नियम बनाए गए थे।
उन्होंने कहा कि हमें इस पर कुछ सुझाव मिले हैं और सरकार उन पर काम कर रही है। नायडू ने कहा, "विभिन्न हिस्सों से कुछ मुद्दे उठाए गए हैं। सरकार इन मुद्दों की पड़ताल करेगी।"
वहीं हर्षवर्धन ने कहा कि यह पशु क्रूरता संरक्षण का साधारण-सा मामला है। सरकार की ओर से सोमवार को ऐसे संकेत आए थे कि वह 'अवध्य पशुओं की सूची' से भैंस को हटा सकती है। केरल, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मेघालय और पुडुचेरी में केंद्र सरकार के इस फैसले का पुरजोर विरोध हुआ है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि दिल्ली और नागपुर (आरएसएस के संदर्भ में) देशवासियों पर यह नहीं थोप सकते कि हम क्या खाएं। विजयन ने देश के अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि वे केंद्र सरकार द्वारा जारी इस अधिसूचना को अपने यहां लागू न करें।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वहीं कहा है कि वह इस आदेश को अदालत में चुनौती देंगी, जबकि पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने कहा है कि वह केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेश के खिलाफ इन नियमों में संशोधन करेंगे। मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पशु कारोबार से संबंधित केंद्र सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है और केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है।