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धमाके के बाद बंगाल की सियासत गरमाई, BJP-TMC आमने-सामने, गवर्नर भी कूदे

जहां एक ओर भाजपा ने घटना की एनआईए से जांच कराने की मांग की है तो दूसरी ओर टीएमसी ने भाजपा को मुद्दे का राजनीतिकरण न करने की नसीहत दी है।

Newstrack
Published on: 20 Nov 2020 7:39 AM GMT
धमाके के बाद बंगाल की सियासत गरमाई, BJP-TMC आमने-सामने, गवर्नर भी कूदे
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धमाके के बाद बंगाल की सियासत गरमाई, BJP-TMC आमने-सामने, गवर्नर भी कूदे (Photo by social media)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में एक प्लास्टिक फैक्ट्री में हुए धमाके के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है। गुरुवार को हुए इस धमाके में छह लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों पार्टियां आमने-सामने आ गई हैं।

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जहां एक ओर भाजपा ने घटना की एनआईए से जांच कराने की मांग की है तो दूसरी ओर टीएमसी ने भाजपा को मुद्दे का राजनीतिकरण न करने की नसीहत दी है। इस विस्फोट को लेकर राजभवन और प्रदेश सरकार के बीच भी तकरार शुरू हो गई है। राज्यपाल ने ममता सरकार को अवैध बम कारखानों पर रोक लगाने को कहा है तो राज्य सरकार के गृह विभाग ने राज्यपाल के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय की कमान भी ममता बनर्जी के हाथों में ही है।

मालदा धमाके में छह लोगों की मौत

पुलिस सूत्रों का कहना है कि मालदा जिले के सुजापुर इलाके में गुरुवार को एक प्लास्टिक फैक्ट्री में जोरदार धमाका हुआ था जिसमें चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि दो और लोगों ने बाद में दम तोड़ दिया था। इस घटना में कई लोग घायल भी हो गए।

मालदा के पुलिस अधीक्षक आलोक राजोरिया का कहना है कि प्रारंभिक जांच से खुलासा हुआ है कि कारखाने में एक भारी मशीन में तकनीकी खराबी के चलते यह धमाका हुआ।

मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख की मदद

पुलिस का कहना है कि इस मामले की हर कोण से जांच की जा रही है और जल्द ही फॉरेंसिक टीम घटनास्थल का मुआयना करेगी।

पुलिस अधीक्षक के मुताबिक हालात को काबू में रखने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों के परिजनों को 50-50 हजार देने की घोषणा की गई है।

भाजपा की एनआईए से जांच कराने की मांग

धमाके में छह लोगों की मौत के बाद भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच तकरार शुरू हो गई है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में बम धमाकों की घटनाएं आम हो गई हैं।

मालदा जैसे गंभीर मामले की जांच एनआईए से कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में हर दूसरे दिन बम विस्फोट की कोई न कोई घटना होती है मगर राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है।

विजयवर्गीय लिखेंगे गृह मंत्रालय को पत्र

विजयवर्गीय ने कहा कि मालदा धमाके की एनआईए जांच के लिए वह केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखेंगे ताकि इस मामले की सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने कहा कि हर धमाके की तरह राज्य की पुलिस इस धमाके की घटना को भी दबाने की कोशिश करेगी।

केंद्रीय एजेंसियों का राजनीतिक इस्तेमाल बंद हो

दूसरी ओर राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि हम केंद्रीय एजेंसियों का सम्मान करते हैं मगर बीजेपी के राजनीतिक हितों को पूरा करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल बंद होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भाजपा को लाशों पर राजनीति करना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है और जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा।

west bengal west bengal (Photo by social media)

राज्यपाल ने ममता सरकार को घेरा

इस बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मालदा धमाके की घटना पर दुख जताते हुए ममता सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि सरकार को अवैध बम बनाने पर रोक लगानी चाहिए और इस मामले की बिना किसी पक्षपात के जांच करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि राज्य में तमाम स्थानों पर बम बनाने का काम किया जा रहा है और सरकार को इस मामले में तत्काल कदम उठाने चाहिए। उन्होंने घायलों को चिकित्सा मुहैया कराने को भी कहा।

कानून व्यवस्था की स्थिति को चिंताजनक बताया

राज्यपाल ने कहा कि राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है और मामलों की सही तरीके से जांच पड़ताल नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस को पेशेवर तरीके से मामलों की जांच पड़ताल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ममता सरकार ऐसे बम धमाकों में मरने वालों की संख्या का सही खुलासा भी नहीं करती।

गृह विभाग की तीखी प्रतिक्रिया

राज्यपाल की टिप्पणियों पर गृह विभाग की ओर से तीखी प्रतिक्रिया जताई गई है। गृह विभाग ने अपने ट्वीट में कहा कि यह घटना प्लास्टिक कारखाने में हुई है और उत्पादन प्रक्रिया से जुड़ी हुई है।

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इस घटना का गैरकानूनी बम बनाने से कोई लेना-देना नहीं है। इस संबंध में कुछ वर्गों की ओर से दिया गया बयान पूरी तरह गैर जिम्मेदारी से भरा हुआ है।

गृह विभाग के मुताबिक डीएम और एसपी को तत्काल मामले की जांच के लिए कहा गया है और राज्य सरकार ने मुआवजे के लिए भी उचित कदम उठाए हैं। इसके साथ ही राज्य के एक वरिष्ठ मंत्री को भी मौके पर भेजा गया है। इस मामले को लेकर राजनीति करना उचित नहीं है।

रिपोर्ट- अंशुमान रिवारी

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