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शौचालय, बिजली और गैस के बाद अब हर घर तक पानी पहुंचाएगी मोदी सरकार

मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान स्वच्छ भारत अभियान पर काफी जोर दिया। इसी तरह दूसरे कार्यकाल में ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप के जरिए पानी पहुंचाने को महत्वकांक्षी परियोजना माना जा रहा है।

Aditya Mishra
Published on: 16 Jun 2019 10:07 PM IST
शौचालय, बिजली और गैस के बाद अब हर घर तक पानी पहुंचाएगी मोदी सरकार
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नई दिल्ली: मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान स्वच्छ भारत अभियान पर काफी जोर दिया। इसी तरह दूसरे कार्यकाल में ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप के जरिए पानी पहुंचाने को महत्वकांक्षी परियोजना माना जा रहा है।

इस योजना के तहत केंद्र सरकार पाइपलाइन के जरिए पानी की सप्लाई और जल संरक्षण पर अपना ध्यान केंद्रित करेगी। जल संसाधन मंत्रालय को जल शक्ति में तब्दील करके प्रधानमंत्री पहले ही यह संकेत दे चुके हैं कि आने वाले समय में जल की उपलब्धता सरकार की प्राथमिकता में शामिल होगी।

सौभाग्य कार्यक्रम के तहत मोदी सरकार ने सभी घरों तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने का कार्य किया था। हालांकि पीने के पानी को हर घर तक पहुंचाना आसान कार्य नहीं है।

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इसके लिए केंद्र अपने सारे अनुभव को झोंकने के लिए तैयार है। शनिवार को नीति आयोग की पांचवी बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र सरकार का एजेंडा पेश करते हुए कहा था कि हमारा मुख्य लक्ष्य साथ मिलकर जल से जुड़े मुद्दों को हल करना है। जिसे जल शक्ति मंत्रालय करेगा। सरकार का लक्ष्य 2024 तक हर ग्रामीण घरों तक पाइप के जरिए पानी पहुंचाना है।

आधिकारिक डाटा के अनुसार ग्रामीण घरों तक पाइप के जरिए पानी पहुंचाने की वृद्धि दर 2014-15 के दौरान 12 प्रतिशत जबकि 2017-18 के दौरान 17 प्रतिशत थी। जिसने कार्यक्रम को गंभीरता से लेने की आवश्यकता पर जोर डाला। सूत्रों का कहना है कि 100 प्रतिशत पाइप पानी की सप्लाई के लक्ष्य को प्राप्त करना बिलकुल वैसा ही है जैसे अक्तूबर 2014 में केवल 33 प्रतिशत शौचालय थे।

जो अब बढ़कर 99 प्रतिशत हो गए हैं। जल संरक्षण के प्रति जागरुकता फैलाने और बर्बादी पर नजर रखने के लिए सरकार गांवों में जलदूतों की तैनाती करेगी। इससे पहले स्वच्छता मिशन के तहत गांव में स्वच्छदूत या स्वच्छाग्रहियों की नियुक्ति की गई थी।

आयोग की बैठक में कई राज्यों ने देश में मौजूद सूखे की स्थिति पर चर्चा की। इसके अलावा आपदा प्रबंधन के नियमों की समीक्षा किए जाने की भी मांग उठी। जिसपर विचार करने की बात की गई।

पानी के मुद्दे पर बड़े पैमाने पर जोर दिया गया और कई राज्यों ने अपने उदाहरण साझा किए। बैठक के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को पानी की समस्याओं को हल करने के लिए उचित हस्तक्षेप करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण और सिंचाई दोनों पर जन भागीदारी के आधार पर कोशिश किए जाने की आवश्यकता है।

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Aditya Mishra

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