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सोशल मीडिया पर उठी मांग: PM मोदी प्रेस कांफ्रेंस करें, स्क्रिप्टेड इंटरव्‍यू नहीं चाहिए

aman
By aman
Published on: 21 Jan 2018 1:37 PM IST
सोशल मीडिया पर उठी मांग: PM मोदी प्रेस कांफ्रेंस करें, स्क्रिप्टेड इंटरव्‍यू नहीं चाहिए
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सोशल मीडिया पर उठी मांग: PM मोदी प्रेस कांफ्रेंस करें, स्क्रिप्टेड इंटरव्‍यू नहीं चाहिए

लखनऊ: पीएम नरेंद्र मोदी ने 'जी न्‍यूज' के बाद अब अंग्रेजी चैनल 'टाइम्‍स नाउ' को इंटरव्‍यू दिया है। इसका प्रसारण रविवार (21 जनवरी) की रात 9 बजे होगा। टाइम्‍स नाउ की ओर से राहुल श्रीवास्‍तव और नाविका कुमार ने पीएम मोदी से सवाल पूछे, जबकि जी न्यूज की ओर से सुधीर चौधरी ने उनका इंटरव्यू लिया था।

इंटरव्यू दिखाए जाने के बाद से ही चौधरी सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगे थे। इस इंटरव्यू के बाद उनका मजाक बनना शुरू हो गया था। कुछ लोगों ने लिखा, इंटरव्यू में ये तो दिखा ही नहीं, कि 'सुधीर चौधरी ने मोदी के पैर छुए या नहीं।'

अब ट्रोल की बारी टाइम्स नाउ की थी

टाइम्स नाउ ने इंटरव्यू के जो प्रोमो ट्विटर पर जारी किए हैं, उनमें जीडीपी, न्‍याय‍पालिका और राष्‍ट्रगान से जुड़े सवाल पूछने की बात सामने आई है। इसके अलावा चैनल ने लोकसभा चुनावों के लिए उनकी रणनीति के बारे में भी पूछा। चूंकि, पीएम मोदी पहले ही जी न्‍यूज को इंटरव्‍यू दे चुके हैं, इसलिए लोगों ने टाइम्‍स नाउ को ट्रोल करना शुरू कर दिया।

सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कमेंट्स

एस. राव नाम के एक शख्‍स ने लिखा, 'वह (मोदी) पहले ही जी न्‍यूज को इंटरव्‍यू दे चुके हैं, जो दो दिन पहले प्रसारित हुआ था।' मनु शर्मा ने कहा, 'खुद को बधाई देने वाली हेडलाइंस। सिर्फ एक इंफोटेनमेंट बिजनेस हाउस ही ऐसी हेडलाइंस दे सकता है, मीडिया हाउस नहीं।' एक अन्‍य शख्‍स ने पूछा, 'आखिर वह (मोदी) केवल कुछ चुनिंदा चैनल्‍स को ही इंटरव्‍यू देते हैं? क्‍यों नहीं वह दुनियाभर के पत्रकारों की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस बुलाकर सवालों का जवाब देते हैं। साख ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है।'

'...ओपन प्रेस कांफ्रेंस के बारे में क्या ख्याल है?'

सोशल मीडिया पर लोगों ने एक बार फिर मांग उठाई है की पीएम मोदी को चाहिए की चुनिंदा न्यूज़ चैनलों को इंटरव्यू देने की जगह वह एक प्रेस कांफ्रेंस करें।

पीएम मोदी के अंग्रेजी चैनल को दिए गए इंटरव्यू के प्रसारण की घोषणा के बाद एक ट्विटर यूज़र गूंजा कपूर ने लिखा, 'राष्ट्रवादी कैमरों को इंटरव्यू देना अच्छा है' लेकिन ओपन प्रेस कांफ्रेंस के बारे में क्या ख्याल है।'

पीएम को रवीश कुमार को इंटरव्‍यू देने की चुनौती

कुछ यूजर्स एक बार फिर पीएम को एनडीटीवी के रवीश कुमार को इंटरव्‍यू देने की चुनौती देने लगे। एक यूजर ने कहा, 'स्क्रिप्‍ट तैयार है? हमें बता दो कि यह कॉमेडी, हॉरर है, थ्रिलर है, इमोशनल है या ड्रामा है क्‍योंकि हम पॉपकॉर्न लेकर बैठेंगे।' जय यादव ने कहा, 'अगर वह (मोदी) इतने बहादुर हैं तो उनसे कहो एनडीटीवी जाएं।' के. चन्द्रकुमार ने ट्वीट किया कि, 'पहले #ModiOnZee और अब #PMModiSpeakstoTimesnow हमे स्क्रिप्टेड इंटरव्यू पर भरोसा नहीं है। एक लाइव प्रेस कांफ्रेंस करें, जिसमें सारे पत्रकारों को बुलाया जाए।'

पीएम का वन-वे कम्युनिकेशन

आमतौर पर ये परंपरा रही है कि पीएम देश-विदेश की मीडिया से साल में एक बार बात जरूर करते हैं लेकिन मोदी के साथ ऐसा नहीं है। वो पहले भी बहुत ज्यादा मीडिया फ्रेंडली नहीं थे। पीएम बनने के बाद तो बिल्कुल ही नहीं रह गए हैं। उन्होंने मीडिया से बात करने का एकतरफा रास्ता चुना है और वो है ट्विटर। इसी माध्यम से वो अपनी बात कह देते हैं। उसमें किसी के सवाल की गुंजाइश नहीं रह जाती। अगर आप सवाल कर रहे हैं तो कोई जरूरी नहीं कि आपको उसका जवाब मिल ही जाए।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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