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Indian Army Depends AI: अब AI तकनीक पर भारतीय सेना ने भी जताया अपना भरोसा, गेम-चेंजर साबित होगी ये पहल

Indian Army Depends AI: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और 6G, मशीन लर्निंग और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी कई टेक्नोलॉजी पर ये यूनिट कई तरह से तकनीकी क्षेत्र में रिसर्च वर्क पर काम करेगी, आइए इस बारे में जानते हैं विस्तार से

Jyotsna Singh
Published on: 20 March 2024 1:33 PM GMT
Indian Army Depends Artificial Intelligence
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Indian Army Depends Artificial Intelligence

Indian Army Depends Artificial Intelligence: देश में बिजली की गति की तरह तेजी से उन्नत हो रहा तकनीकी क्षेत्र कई बड़े आयाम स्थापित करने में सक्षम साबित हो रहा है। नित नई तकनीकी खोज देश के विकास में सहायक होने के साथ ही आमजन के जीवन को भी सुगम बनाने का काम भली भांति कर रहीं हैं। वहीं हमारे देश की भारतीय सेना भी अपने सुरक्षा घेरे को चाकचौबंद करने के लिए तकनीकी विकास पर निर्भर करती है। इसी कड़ी में आज के दौर में सबसे चर्चित तकनीक AI के साथ ही ऐसे कई की टूल्स की धमक अब भारतीय सेना की सैन्य सुरक्षा घेरे में भी नजर आने वाली है। असल में भारतीय सेना ने रक्षा क्षेत्र में अपनी महती भूमिका निभाने वाली भविष्य की टेक्नोलॉजी पर शोध करने के लिए एक विशेष यूनिट गठित की है। जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और 6G, मशीन लर्निंग और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी कई टेक्नोलॉजी पर ये यूनिट कई तरह से तकनीकी क्षेत्र में रिसर्च वर्क पर काम करेगी। आइए इस बारे में जानते हैं विस्तार से-

क्या कहते हैं सैन्य अधिकारी

भारतीय सेना में फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी पर शोध करने के लिए एक विशेष यूनिट गठित की गई है। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, इसका नाम सिग्नल्स टेक्नोलॉजी इवेल्यूशन एंड एडेप्शन ग्रुप (STEAG) रखा गया है। भारतीय सेना की फ्यूचरिस्टिक टैक्टिक के तहत इसकी स्थापना की गई है। यह मौजूदा टेक्नोलॉजी के अपग्रेडेशन और उसकी देखरेख पर अपनी पैनी नजर रखते हुए अपने साथ शामिल करने के लिए उन पर काम करेगी। इस यूनिट का काम वायर्ड और वायरलेस सिस्टम से जुड़ी तकनीकों को अपग्रेड करना है। जिसके अंतर्गत इसका मेन फोकस मोबाइल संचार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तंत्र, 5G और 6G नेटवर्क, क्वांटम टेक्नोलॉजी, AI, मशीन लर्निंग आदि आगामी टेक्नोलॉजी पर रहेगा। यह विशेष टेक्नोलॉजी के उपयोग, आधुनिक समाधान और शिक्षा और उद्योग जगत के साथ मिलकर रक्षा अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त मामलों की पहचान करने में सक्षम अपनी तरह का पहला और प्रमुख संस्थान होगा।

आत्मनिर्भर भारत और स्टार्ट-अप इंडिया के रास्ते पर काम करेगा यह यूनिट

भारतीय सेना में फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी पर शोध करने के लिए गठित एक विशेष यूनिट असल में आत्मनिर्भर भारत और स्टार्ट-अप इंडिया के रास्ते पर चलकर काम करेगी। जिसके तहत एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि, आत्मनिर्भर भारत और स्टार्ट-अप इंडिया के रास्ते पर यह यूनिट देश के सैनिकों और तकनीकी शिक्षा और उद्योग जगत के बीच एक सेतु बनाने का काम ही करेगी। सेना का मानना है कि, इस तरह की पहल सैन्य सुरक्षा के क्षेत्र में गेम-चेंजर साबित होगी। तकनीकी विकास के साथ अत्याधुनिक हथियारों और टेक्नोलॉजी के शामिल होने के बाद दुनियाभर में युद्धों की प्रवृति पर भी बड़ा प्रभाव देखा जा रहा है। इसे देखते हुए लगातार भारतीय सेना में भी इस तरह की मांग उठा रही है कि, सेना को तकनीकी क्षेत्र में और ज्यादा अपडेट होने की महती आवश्यकता है।

Shalini singh

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