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बीमार पति से मिलने के लिए शशिकला ने पैरोल का किया आवेदन

Rishi
Published on: 3 Oct 2017 4:04 PM GMT
बीमार पति से मिलने के लिए शशिकला ने पैरोल का किया आवेदन
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बेंगलुरू : अखिल भारतीय अन्ना द्रमुक मुनेत्र कड़गम(एआईएडीएमके) पार्टी से निष्कासित वी.के. शशिकला ने अपने बीमार पति से मिलने के लिए केंद्रीय कारागार प्रशासन को 15 दिनों के पैरोल के लिए आवेदन दिया है। परपन्ना अग्रहारा केंद्रीय कारा के अधीक्षक एम. सोमाशेकर ने बताया, "शशिकला ने आज गंभीर रूप से बीमार अपने पति से मिलने के लिए चेन्नई जाने के संबंध में 15 दिनों के पैरोल के लिए अर्जी दाखिल की है।"

उन्होंने बताया, "पैरोल और इसकी अवधि पर संबंधित अधिकारियों से संपर्क के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।"

तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता की निकट सहयोगी रहीं शशिकला भ्रष्टाचार के मामले में कारावास की सजा काट रही हैं।

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अधिकारी ने बताया, "उनकी अर्जी पर राज्य कानून और पुलिस विभाग से विचार-विमर्श के बाद विचार किया जाएगा। हमलोग इसपर विचार करेंगे कि शशिकला को कितने दिनों तक जेल से बाहर रहने के लिए पैरोल दी जाएगी और वह वापस जेल कब आएंगी।"

मामले में कारावास की सजा काट रहे शशिकला के रिश्तेदार इलावारसी और वी.एन. सुधाकरन ने पैरोल के लिए आवेदन नहीं किया है।

जयललिता के कार्यकाल में तमिलनाडु के नौकरशाह रहे एम. नटराजन(74) का जल्द ही लीवर प्रत्यारोपण किया जा सकता है।

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एआईएडीएमके के एक धड़े की अगुवाई कर रहे टी.टी.वी. दिनाकरन ने बताया कि नटराजन चेन्नई के ग्लेनेगल्स ग्लोबल हेल्थ सिटी के सघन चिकित्सा कक्ष(आईसीयू) में भर्ती हैं।

अदालत ने जयललिता को भी कई करोड़ के आय से अधिक संपत्ति मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर दोषी ठहराया था। जयललिता का चेन्नई के एक निजी अस्पताल में पांच दिसंबर, 2016 को निधन हो गया था।

जयललिता भी वर्ष 2015 में 26 सितंबर से 20 अक्टूबर तक इसी जेल में बंद थीं। सर्वोच्च न्यायालय ने हालांकि सशर्त जमानत पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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