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Gyanvapi survey: AIMIM प्रवक्ता दानिश कुरैशी गिरफ्तार, शिवलिंग को लेकर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी

एआईएमआईएम के प्रवक्ता दानिश कुरैशी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कुरैशी ने ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग को लेकर सोशल मीडिया पर पर आपत्तिजनक पोस्ट की थी।

Krishna Chaudhary
Written By Krishna ChaudharyPublished By Deepak Kumar
Published on: 18 May 2022 2:41 PM IST (Updated on: 18 May 2022 4:41 PM IST)
AIMIM spokesperson Danish Qureshi arrested
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AIMIM प्रवक्ता दानिश कुरैशी गिरफ्तार। (Social Media)

AIMIM Spokesperson Danish Qureshi Arrest: एआईएमआईएम के प्रवक्ता दानिश कुरैशी (AIMIM spokesperson Danish Qureshi) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कुरैशी ने ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे (Survey at Gyanvapi Masjid) के दौरान मिले शिवलिंग को लेकर सोशल मीडिया पर पर आपत्तिजनक पोस्ट की थी। जिसके खिलाफ विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) ने शिकायत दर्ज करवाई थी। अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच (Ahmedabad Cyber Crime Branch) ने इस पर कार्रवाई करते हुए बुधवार को एआईएमआईएम के नेता को गिरफ्तार किया है।

ओवैसी ने फैसले का किया था विरोध

एआईएमआईएम चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी लगातार ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे को लेकर मुखर रहे हैं। उन्होंने वाराणसी अदालत द्वारा सर्वे के आदेश के फैसले की तीखी आलोचना की थी। ओवैसी ने कहा था कि लोअर कोर्ट का ये निर्णय सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना है। वहीं ज्ञानवापी में सर्वे के अंतिम दिन कथित तौर पर शिवलिंग मिलने के दावे पर एआईएमआईएम सांसद ने कड़ा रूख अख्तियार करते हुए कहा कि चाहे जो भी हो वह ज्ञानवापी को दूसरा बाबरी मस्जिद नहीं बनने देंगे।

बता दें कि ओवैसी लगातार अपने बयानों में प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 का जिक्र करते रहे हैं, इस कानून के मुताबिक, 5 अगस्त 1947 से पहले अस्तित्व में आए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल में नहीं बदला जा सकता। अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है, तो उसे एक से तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।

ज्ञानवापी केस को टेकओवर करेगा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड ने इस केस को टेकओवर करने के लिए एक लीगल टीम का गठन करने का निर्णय लिया है। लीगल कमेटि के जरिए बोर्ड कानूनी तौर पर केस को टेकओवर करेगा और अदालत में उसकी पैरवी करेगा। ज्ञानवापी के अलावा बोर्ड मथुरा और कर्नाटक समेत अन्य महत्वपूर्ण मस्जिदों में भी पैरवी करेगा।



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