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एयर इंडिया की बिक्री जारी रहेगी, सुझावों का फिर भी स्वागत: मंत्री

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा है कि एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए सुझावों का स्वागत है, लेकिन कर्ज के बोझ तले दबी राष्ट्रीय विमानन कंपनी के शेयरों की बिक्री जारी रहेगी। 

tiwarishalini
Published on: 18 Jan 2018 8:44 AM IST
एयर इंडिया की बिक्री जारी रहेगी, सुझावों का फिर भी स्वागत: मंत्री
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नई दिल्ली: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा है कि एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए सुझावों का स्वागत है, लेकिन कर्ज के बोझ तले दबी राष्ट्रीय विमानन कंपनी के शेयरों की बिक्री जारी रहेगी।

हाल में खबरें आई थीं कि एक संसदीय समिति ने विनिवेश प्रक्रिया को वापस लेने की सिफारिश की है। राजू ने कहा, "संसद के सदस्य सुझाव देने के लिए मुक्त हैं। वे हमें जो भी सुझाव देंगे, हम उन्हें देखेंगे। इस मुद्दे पर सिफारिशों, चर्चाओं का हमेशा स्वागत है।"

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मुख्यालय राजीव गांधी भवन में राजू ने आईएएनएस के साथ बातचीत में बताया, "हालांकि, मुझे नहीं लगता कि किसी भी कदम को वापस लिया जाएगा। यह सरकार के काम करने का तरीका नहीं है।"

हाल ही में, खबरों में कहा जा रहा था कि संसद की स्थायी समिति सरकार को इस विनिवेश प्रक्रिया को रद्द करने और एयर इंडिया को कम से कम पांच साल का वक्त देने के बारे में कह सकती है, ताकि वह अपने पैरों पर दोबारा से खड़ी हो सके।

फिलहाल मंत्रियों की एक समिति एयर इंडिया और उसके सहायकों के 51 फीसदी शेयरों के रणनीतिक विनिवेश की रूपरेखा को मजबूती देने का काम कर रही है।

राजू ने कहा, "वैकल्पिक तंत्र के मार्गदर्शन में प्रक्रिया चल रही है, लेकिन मैं इसके लिए कोई समयसीमा निर्धारित नहीं करूंगा, विशेषकर उन स्तरों पर निर्णय लेने के मामलों में।"

एयर इंडिया-विशिष्ट वैकल्पिक तंत्र पर वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाला मंत्री समूह एयर इंडिया को बेचने के तौर-तरीकों पर गौर कर रहा है।

रूपरेखाओं के अलावा, मंत्री समूह को एयर इंडिया के कर्ज और उसकी परिसंपत्तियों को छोड़ने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए अधिकार दिया गया है।

पिछले महीने, ग्रीन शकशुका को रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया में सरकार की सहायता के लिए लेनदेन सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था।

विमानन समूह 50 हजार करोड़ रुपये के भारी भरकम कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। साथ ही कंपनी ने 2015-2016 में 105 करोड़ रपये का लाभ कमाया था और पिछले वित्त वर्ष में उसे बेहतर लाभ कमाने की संभावना है।

राष्ट्रीय विमानन कंपनी को अप्रैल 2012 में तब एक नया जीवनदान मिला था, जब संप्रग सरकार ने 2021 तक कंपनी को 30 हजार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मुहैया कराने का फैसला किया था।

राजू ने कहा कि शेयरों की बिक्री की रूपरेखा के अलावा वैकल्पिक तंत्र एयर इंडिया के कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा के तरीकों पर भी गौर करेगा।

राजू ने कहा, "सरकार नहीं चाहती कि उसके कर्मचारी असुविधाजनक हालत में रहें। पहले के विनिवेश के उदाहरण हमारे सामने हैं। यह कुछ अधिक और कम रहकर उसी ढर्रे पर चल रहा है।"

वर्तमान में एयर इंडिया और उसके सहायक कंपनियों में करीब 20 हजार कर्मचारी हैं, जिसमें से 11,500 एयरलाइन के पेरोल पर हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल के हालिया निर्णय में एयरलाइन को फ्लैग वाहक में हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति देने वाले विदेशी दिग्गजों को अनुमति देने के निर्णय पर राजू ने कहा, "एयर इंडिया को अन्य एयरलाइनों के समान लाया गया है। सभी भारतीय कंपनियां अब बराबर हैं।"

पूर्व के नियमों में विदेशी एयरलाइंस को भारतीय एयरलाइन कंपनियों में 49 प्रतिशत की सीमा तक निवेश करने की अनुमति दी गई थी, हालांकि यह एयर इंडिया पर लागू नहीं थी।

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tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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