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Delhi Air Pollution: दिल्ली की हवा में जहर, वायु प्रदूषण बेकाबू, कई इलाकों में चिंताजनक स्थिति
Delhi Air Pollution: शनिवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 390 पर पहुंच गया। जो कि बहुत खराब की श्रेणी में आता है। आनंद विहार में एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया है।
Delhi Air Pollution: देश की राजधानी दिल्ली की आबोहवा लगातार बिगड़ती जा रही है। राजधानी के कई इलाकों में वायु प्रदूषण (Air pollution) का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच चुका है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, आज यानी शनिवार 29 अक्टूबर को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 390 पर पहुंच गया। जो कि बहुत खराब की श्रेणी में आता है। आनंद विहार समेत राजधानी के कुछ इलाकों में एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया है।
दिल्ली के अलावा एनसीआर की हवा भी जहरीली हो गई है। खासकर यूपी का नोएडा शहर पिछले दिनों वायु प्रदूषण के मामले में दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया था। नोएडा की हालत में कोई सुधार आता नजर नहीं आ रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, शनिवार को नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार पहुंच गया है, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है।
दिल्ली के सबसे प्रदूषित इलाके
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली गैस चैंबर बनने की ओर अग्रसर। दिल्ली के करीब डेढ़ दर्जन से अधिक इलाके का वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में पहुंच चुका है। राजधानी में सबसे अधिक एक्यूआई आनंद विहार (456) दर्ज किया गया। इसके बाद शादीपुर, जहांगीरपुरी, वजीरपुर, विवेक विहार, पंजाबी बाग इत्यादि इलाकों का स्थान है। इसी तरह दिल्ली के करीब दो दर्जन इलाकों का एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया, जिसमें दिलशाद गार्डन, बुराड़ी, अरबिंदो रोड और ओखला समेत अन्य इलाके शामिल हैं।
एनसीआर की हवा भी जहरीली
दिल्ली के साथ – साथ आसपास के शहरों की आबोहवा भी जहरीली हो चुकी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों अनुसार, 29 अक्टूर को नोएडा में एक्यूआई 402 दर्ज किया गया। वहीं, गाजियाबाद के वसुंधरा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 420 दर्ज किया गया। वहीं, हरियाणा के फरीदाबाद के न्यू इंडस्ट्रियल टॉउन में एक्यूआई 446 दर्ज किया गया, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, दिल्ली को वायु प्रदूषण से जल्द राहत नहीं मिलने वाली है। इसकी एक बड़ी वजह में हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने पर प्रभावी रोक न लग पाना भी शामिल है।