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चीन पर आतंकी नहीं करते हमला, ये है वजह: अजमेर के दीवान ने किया खुलासा

सूफ़ी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के वंशज और अजमेर दरगाह के प्रमुख दीवान सैयद ज़ैनुल आबेदीन अली खां ने पकिस्तान को आतंकी पनाहगार बताया

Shivani Awasthi
Published on: 27 Jun 2020 6:27 PM GMT
चीन पर आतंकी नहीं करते हमला, ये है वजह: अजमेर के दीवान ने किया खुलासा
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अजमेर- पाकिस्तान को अक्सर ही लोग आतंकी देश के रूप में देखते हैं। इसे आतंक का पनाहगार कहना गलत नहीं होगा। ऐसे में सूफ़ी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के वंशज और अजमेर दरगाह के प्रमुख दीवान सैयद ज़ैनुल आबेदीन अली खां ने पकिस्तान की नापाकी पर हमलावर होते हुए गंभीर आरोप लगाए।

अजमेर के प्रमुख दीवान बोले- आतंकवाद पाकिस्तान की स्टेट पॉलिसी का हिस्सा

राजस्थान के अजमेर के प्रमुख दीवान सैयद ज़ैनुल आबेदीन अली खां ने कहा कि आतंकवाद पाकिस्तान की स्टेट पॉलिसी का हिस्सा है। दरअसल, हाल ही में पाकिस्तानी संसद में प्रधानमंत्री इमरान खान ने ओसामा बिन लादेन को शहीद करार दिया था। इसी मामले में पाकिस्तानी पीएम को आड़े हाथों लेते हुए दीवान ने कहा कि पाक संसद में एक आतंकी को शहीद कहकर कहना साबित करता है कि आतंकवाद पाकिस्तान की स्टेट पॉलिसी का हिस्सा है।

लादेन को शहीद बताने पर जताई नाराजगी

उन्होंने पाक पीएम के बयान की निंदा की और कहा कि इमरान खान ने जो बयान पाक संसद में दिया वो बड़ा शर्मनाक है। उनका ये बयान आतंकवाद के प्रति पाकिस्तान के रवैये को साफ जाहिर करता है। उन्होंने कहा कि चीन जैसे देश आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान जैसे देश को हथियार और आर्थिक मदद देते हैं।

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पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखे जाने का किया समर्थन

अजमेर के दीवान ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान अब तक लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को होने वाली फंडिंग रोक नहीं सका। इसी का परिणाम है कि फाइनेंशल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने बुधवार पाकिस्तान को ग्रे सूची में ही रखने का फैसला लिया। उन्होंने FATF के फैसले का समर्थन करते हुए कहा भारत को बार बार निशाना बना रहे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को पाकिस्तान मदद करता आया है।

चीन पर बोला हमला :

दीवान ने चीन पर आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान की आतंकी हरकतों को चीन का समर्थन रहता है। इसी वजह से इस्लाम का नाम लेकर आतंक फैलाने वाले संगठन चीन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते। हालाँकि सच्चाई ये हैं कि दुनिया में सबसे ज्यादा मुसलमानों पर अन्याय और उनके अधिकारों का हनन चीन में ही हो रहा है। चीन में मुसलमानों को हर तरह से प्रताड़ित करता रहा है।

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