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ये जो हसन रूहानी आए हैं, इनके मित्र ने लड़कियां को हाफ पैंट से बुर्के में कैद कर दिया
नई दिल्ली : ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और देश के पीएम नरेंद्र मोदी के बीच हुई बातचीत के बाद शनिवार 17 फरवरी को सुरक्षा, व्यापार समेत नौ करार पर हस्ताक्षर किए गए।
दोनों नेताओं ने हैदराबाद हाउस में बातचीत की। बातचीत में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल के लोग शामिल थे। बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच सुरक्षा, व्यापार और ऊर्जा समेत 9 करारों पर सहमति बनी। ये तो आपको पता ही है लेकिन जो नहीं पता मतलब जो हमारी हैडलाइन कह रही है। वो हम आपको बताते हैं....
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उसने बदल दिया ईरान
ईरान के पूर्व राष्ट्रपति व हसन रूहानी के सबसे खास मित्र अकबर हाशमी रफसंजानी 82 साल के थे। जब 8 जनवरी 2017 को उनकी मौत हुई। ये वर्तमान वाले कट्टरपंथी ईरान के जबरदस्त मॉडरेट टाइप नेता थे। जनता को लगा कि ये सबकुछ बदल देंगे। बदला भी लेकिन अपने हिसाब से। जनाब वर्ष 1989 से 1997 तक राष्ट्रपति रहे। इनकी मौत के बाद ईरान के राष्ट्रपति बने हसन रुहानी वही जो आजकल इंडिया में हैं।
आपके पैदा होने से पहले ही ईरान में क्रांति लिख दी गई थी
वर्ष था 1979 जब ईरान में क्रांति हुई। लेकिन ये क्रांति बहुत अलग थी बाकी की क्रांतियों से। इसने देश को आदिम युग में ढकेल दिया था। जबकि इससे पहले ईरान में लड़कियां और उनकी अम्मी जान दोनों ही हाफ-पैंट पहनती थीं। बेहिचक लांग ड्राइव पर जाती थी। लेकिन क्रांति के बाद सब कुछ बदल गया। लड़कियां कैद हो गई हिजाब और बुरखे में। हाशमी इस क्रांति के बड़े नेता थे और ये कारनामा उनका ही था। इसके बाद उनकी परंपरा को आगे रूहानी जोर शोर से बढ़ा रहे हैं लेकिन अपने ही हिसाब से।