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Akhilesh in Chennai: वीपी सिंह की प्रतिमा अनावरण समारोह में शामिल हुए अखिलेश यादव, तमिलनाडु सरकार ने किया था आमंत्रित
Akhilesh in Chennai: मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने चेन्नई स्थित प्रेसीडेंसी कॉलेज में पूर्व पीएम वीपी सिंह की प्रतिमा स्थापित कराई है, जिसका अनावरण आज किया गया है।
Akhilesh in Chennai: आज यानी सोमवार 27 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की पुण्यतिथि है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री इस मौके पर तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में हैं। वे तमिलनाडु सरकार के न्योते पर वहां पहुंचे हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने चेन्नई स्थित प्रेसीडेंसी कॉलेज में पूर्व पीएम वीपी सिंह की प्रतिमा स्थापित कराई है, जिसका अनावरण आज किया गया है।
इस समारोह के लिए यूपी विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को विशिष्ट अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। देर रात चेन्नई पहुंचे अखिलेश इस समारोह में शामिल हुए। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके के मुखिया और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोमवार सुबह प्रेसीडेंसी कॉलेज में स्थापित पूर्व पीएम की प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर उनके बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन समेत अन्य नेता मौजूद रहे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री मारन ने अखिलेश का किया स्वागत
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव 26 नवंबर को कानपुर देहात के माती में संविधान बचाओ रैली को संबोधित करने के बाद तमिलनाडु के लिए रवाना हो गए। देर रात वे राजधानी चेन्नई पहुंचे। जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन और अन्य डीएमके नेताओं ने उनकी आगवानी की।
इस समारोह में तमिलनाडु सरकार ने अखिलेश के अलावा दिवंगत पूर्व पीएम वीपी सिंह की पत्नी और दोनों बेटों को भी आमंत्रित किया है। कार्यक्रम का अध्यक्षीय भाषण स्वर्गीय वीपी सिंह की पत्नी सीता कुमार ने दिया। उनके दोनों बेटे अजेय सिंह और अभय सिंह भी मौजूद रहे।
कांग्रेस के नेता भी कार्यक्रम में हुए शामिल
चेन्नई में आयोजित इस कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी के नेता भी शामिल हुए। उनकी भागीदारी इसलिए चर्चा का विषय बनी क्योंकि वीपी सिंह ने राजीव गांधी की सरकार से इस्तीफा देकर उनके खिलाफ मोर्चा खोला था। उन्होंने बोफोर्स घोटाले का मुद्दा इतना जोर-शोर से उठाया कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद ऐतिहासिक जनादेश के साथ सत्ता में आई कांग्रेस को पांच साल बाद करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। वीपी सिंह ने प्रधानमंत्री बनते ही मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू कर दिया, जिससे देश में ओबीसी जातियों को 27 फीसदी आरक्षण मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ। इस फैसले ने कांग्रेस को खासकर हिंदी पट्टी के दो बड़े राज्यों यूपी और बिहार में इतना बड़ा सियासी नुकसान पहुंचाया, जिससे पार्टी आज तक उबर नहीं पाई।