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Muslim Reservation: मुस्लिम आरक्षण पर बीजेपी के सुर में सुर मिलाते दिखे अखिलेश यादव, जानें कांग्रेस के खिलाफ क्यों आये सपा मुखिया
Muslim Reservation: कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के फैसले को लेकर बीजेपी और सपा के सुर एक साथ दिखाई दे रहे हैं।
Muslim Reservation
Muslim Reservation: कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने सरकारी ठेकों पर मुसलमानों को 4% आरक्षण देने का बड़ा फैसला लिया है। जिसके इस फैसले के बाद कर्नाटक से लेकर यूपी तक में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस के इस फैसले का सबसे पहले विरोध बीजेपी ने किया। बीजेपी ने इस फैसले को लेकर संसद में मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू सहित पार्टी के तमाम नेता मुस्लिम आरक्षण को गैरकानूनी और संविधान के खिलाफ बता रहे हैं। सब ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि ये हमेशा से तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है। बीजेपी ने तो मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा ही लेकिन सपा के बोल भी इस मामले पर बीजेपी की तरफ ही दिखे। इस आरक्षण मामले पर अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस के फैसले का विरोध किया है।
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने क्या लिया फैसला
वर्तमान में कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है। वहां की सिद्धारमैया सरकार ने कर्नाटक ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट्स यानी केटीपीपी एक्ट में कुछ संसोधन किया। जिसके तहत अब दो करोड़ तक के सिविल काम और एक करोड़ तक में सेवा काम से जुड़े सभी मामलों में सरकारी ठेकों में मुस्लिमों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव पेश किया गया है। कांग्रेस सरकार द्वारा लाई गई यह बिल 21 मार्च 2025 को सदन में पास भी हो गया था।
कांग्रेस और बीजेपी में तकरार
कर्नाटक में मुस्लिमों के लिए चार फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को लेकर राजनीति गर्मा गई है। बीजेपी इसे तुष्टीकरण की राजनीति करार देते हुए विरोध कर रही है, जबकि कांग्रेस इसे सामाजिक न्याय का कदम मानते हुए समर्थन कर रही है। बीजेपी का कहना है कि इससे अन्य पिछड़ी जातियों का हक मारा जाएगा, क्योंकि यह आरक्षण ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण से छीन कर मुस्लिमों को दिया जा रहा है। वहीं, कांग्रेस का तर्क है कि यह आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय के लिए दिया जा रहा है और यह मंडल आयोग की भावना के अनुरूप है।
सपा के सुर मिले बीजेपी से
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मामले में कहा कि वह जाति जनगणना के पक्ष में हैं और पिछड़े व दलित समुदायों को आरक्षण मिलना चाहिए। हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि क्या मुसलमानों के लिए आरक्षण होना चाहिए, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए। इसी प्रकार, सपा सांसद राम गोपाल यादव ने भी जाति जनगणना को सामाजिक-आर्थिक स्थिति के वास्तविक चित्र को सामने लाने वाला कदम बताया। सपा मुस्लिम आरक्षण के खिलाफ दिख रही है, लेकिन जाति जनगणना के पक्ष में है।