TRENDING TAGS :
27 को लालू की रैली में पटना जाएंगे अखिलेश, शरद के सम्मेलन में नहीं पहुंच रहे
नई दिल्ली: जनतादल-यू के वरिष्ठ नेता शरद यादव की ओर से गुरुवार को दिल्ली में आयोजित होने जा रहे विपक्षी दलों के विरासत बचाओ सम्मेलन में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के आने का कोई कार्यक्रम नहीं है।
लखनऊ में अखिलेश के निकट सूत्रों ने बताया कि उनका दिल्ली आने को कोई कार्यक्रम नहीं है। लेकिन आगामी 27 तारीख को पटना में लालू की 'भाजपा भगाओ, देश बचाओे' रैली में भाग लेना पूरी तरह तय हो गया है।
अखिलेश के दिल्ली न आने के कई अर्थ लगाए जा रहे हैं। एक आशय यह भी है कि वे शरद यादव को विपक्षी राजनीति का केंद्र बिंदु बनाने के पक्ष में नहीं हैं। दूसरा यह कि सपा व कांग्रेस के बीच रिश्तों में अभी काफी कड़वाहट बढ़ी है। यूपी चुनावों में कांग्रेस के साथ सपा का चुनावी गठजोड़ जमीन पर कारगर असर नहीं दिखा सका। कांग्रेस के समझौते में 100 से ज्यादा सीटें मिलने के बावजूद कांग्रेस मात्र 7 सीटों पर ही जीत पाई। सपा सूत्रों का कहना है कि अभी विपक्ष की राष्ट्रीय स्तर पर एकता के पचड़ों में पड़ने के बजाय वे यूपी पर ही फोकस रखेंगे।
आगे की स्लाइड में पढ़िए पूरी खबर
बता दें कि शरद यादव की ओर से गुरूवार को दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में होने वाले सम्मेलन में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी व राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह समेत कुछ क्षेत्रीय पार्टियों के नेता भी शिरकत करने वाले हैं।
आरजेडी और लालू प्रसाद के साथ संकट की घड़ी में साथ खड़े होना सपा के लिए आगे की रणनीति के लिहाज से अहम है क्योंकि दोनों परिवारों में अब पहले जैसी कड़वाहट नहीं रही। वजह यह है कि लालू प्रसाद की सबसे छोटी बेटी की शादी मुलायम के सांसद भतीजे से हो चुकी है।
दूसरा यह कि आरजेडी के साथ बिहार में यादव मुस्लिम गठजोड़ का व्यापक जनाधार मौजूद है। शरद यादव की कमजोरी यह है कि उनका अपना कोई जनाधार नहीं है। इसलिए उन्हें तवज्जो देने के बजाय सपा के टारगेट सियासी वजूद वाले आरजेडी और मायावती की बसपा की ओर होगा क्योंकि 2019 के आम चुनावों की सारी लड़ाई का फोकस ही जनाधार के वजूद पर होगा।