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अलर्ट भारत-चीन बॉर्डर: भारतीय सेना ने तैनात किए सैनिक, चीन सीमा पर भेजी गईं 6 डिवीजन
Alert India China border: भारतीय सेना (Indian Army) ने चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपनी अतिरिक्त छह डिवीजन की तैनात की है।
Alert India China Border: भारतीय सेना (Indian Army) ने चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपनी अतिरिक्त छह डिवीजन की तैनात की है। बताया जा रहा है कि इसके लिए सैनिकों को दूसरे अहम मोर्चो से बुलाया गया है। इनमें लद्दाख में पाकिस्तान के मोर्चे पर तैनात जवानों से लेकर पूर्वोत्तर में आतंकवाद (terrorism) रोधी अभियानों में जुटे सैनिक शामिल हैं। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे (Army Chief General Manoj Pandey) ने अपनी पहली यात्रा में चीन के साथ सीमा पर भारतीय सेना (Indian Army) के सैनिकों की स्थिति और तैनाती का जायजा लिया।
दो साल पहले चीनी सेना से हुई थी झड़प
बता दें कि लद्दाख सेक्टर में दो साल पहले चीनी सेना से झड़प हुई थी। इसके बाद शुरू हुई परेशानी को देखते हुए सेक्टर में काउंटर टेररिस्ट राष्ट्रीय राइफल फोर्स (एक डिवीजन के बराबर) की अतिरिक्त तैनाती के साथ 3 डिवीजन को मजबूत किया गया है। पाकिस्तान की सीमा के साथ पूर्वोत्तर में आतंकरोधी अभियान में तैनाती में भी बदलाव किया जा रहा है। उत्तरी सीमा पर जो छह डिवीजन तैनात की गई हैं, इनमें से तीन पाकिस्तान की सीमा पर तैनात थीं।
उत्तरी कमान को मजबूत करने का फैसला
भारतीय सेना (Indian Army) ने उत्तरी कमान को मजबूत करने के लिए आरक्षित बलों के रूप में लद्दाख सेक्टर की देखभाल के लिए वन स्ट्राइक कोर पर दो डिवीजन भी नियुक्त किए हैं। वन स्ट्राइक कॉर्प्स पहले पूरी तरह से पाकिस्तान के मोर्चे पर केंद्रित थी, लेकिन अब यह पूरी तरह से उत्तरी सीमाओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
भारतीय सेना ने चीनी सेना को दी चेतावनी, कहा- कोई हरकत न करें
पूर्वी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए 17 स्ट्राइक कोर अब वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ पूर्वी क्षेत्रों के लिए पूरी तरह तैयार है और इसके जिम्मे पूरे पूर्वोत्तर की देखभाल है। असम में सेना ने आतंकवाद विरोधी अभियानों (anti-terrorist operations) में लगे डिवीजन को वहां से हटाकर चीन सीमा की देखभाल करने के लिए लगा दिया है।
भारतीय सेना है सतर्क
भारतीय सेना ने चीनी सेना को एक चेतावनी देते हुए कहा है कि अब यथास्थिति को बदलने के लिए कोई अन्य एकतरफा हरकत न करें, क्योंकि भारत इसके लिए पहले से कहीं अधिक तैयार है।