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हुर्रियत ने सर्वदलीय नेताओं से मिलने से किया इनकार, खाली हाथ लौटे
श्रीनगर: आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद अशांत घाटी में शांति बहाली के लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर पहुंचा। कश्मीर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्यों ने अलग होकर अलगाववादी हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं से मिलने की कोशिशें कीं, लेकिन हर जगह से उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।
श्रीनगर में अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारुख, अब्दुल गनी भट्ट और यासिन मलिक से मुलाकात करने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल के 6 सांसद दो-दो के 3 समूहों में बंट गया और नेताओं से मिलने की कोशिश की। नजरबंद अलगाववादी नेता मीरवाइज ने कश्मीर मुद्दे पर प्रतिनिधि मंडल की तरफ से बात करने पहुंचे असदुद्दीन ओवैसी को यह कहकर वापस भेज दिया कि 'अभी कोई बात नहीं होगी।' वहीं सैयद अली शाह गिलानी ने भी प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मिलने से इनकार किया।
28 नेताओं का दल रवाना
इससे पहले जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ़्ती ने हुर्रियत कांफ्रेंस सहित सभी पक्षों को बातचीत का न्योता भेजा था। इस बीच राजनाथ सिंह ने कहा है कि प्रतिनिधिमंडल उन लोगों और संगठनों से बात करने की इच्छुक है जो शांति और बहाली चाहते हैं। प्रतिनिधिमंडल में 23 दलों के 28 नेता शामिल हैं।
वहीं श्रीनगर के शोपियां से रविवार को भी हिंसा की खबर आ रही है। साथ ही सड़कों पर हजारों प्रदर्शनकारी उतर चुके हैं। शोपियां में प्रदर्शनकारियों ने मिनी सचिवालय में आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प जारी है। इस झड़प में करीब 20 लोग घायल हो गए।
सभी दलों के नेता श्रीनगर पहुंचे
गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में रविवार को ऑल पार्टी डेलीगेशन दिल्ली से श्रीनगर पहुंचा। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक में सरकार की ओर से गृहमंत्री राजनाथ सिंह के अलावा अरुण जेटली, रामविलास पासवान, अनंत कुमार, गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी, शरद यादव आदि शामिल हैं। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के विरोध में अलगाववादियों ने एयरपोर्ट रोड तक मार्च निकालने का फैसला किया।
हुर्रियत कांफ्रेंस को भी करें शामिल
घाटी में शांति बहाली के प्रयासों को लेकर चल रही कोशिशों के बीच सीपीआई-एम महासचिव सीताराम येचुरी ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं को भी बातचीत के लिए निमंत्रण भेजने की बात कही। सीताराम येचुरी ने ये भी कहा कि 'पैलेट गन' की जगह 'मिर्ची बम' लाए जाने जैसी विश्वास पैदा करने वाली घोषणाएं होनी चाहिए।