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'गृह प्रवेश' पर ग्रहण! हाईकोर्ट ने कहा- जल्द परिसर से हटाएं अवैध निर्माण
नोएडा: सेक्टर-77 स्थित गृह प्रवेश बिल्डर की आवासीय परियोजना में बिल्डर द्वारा किया गया अवैध निर्माण गिराया जाएगा। बुधवार (23 अगस्त) को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्राधिकरण के नोटिस को सही ठहराते हुए आदेश दिया कि बिल्डर आवासीय परिसर में कराए गए सभी अवैध निर्माण को चार हफ्ते में हटा ले और प्राधिकरण में कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपे। अगर, बिल्डर ऐसा नहीं करता है तो प्राधिकरण उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई कर सकता है।
क्या है मामला?
दरअसल, सेक्टर-77 स्थित आवासीय परियोजना 'गृह प्रवेश' के खरीदारों ने प्राधिकरण से शिकायत की थी कि बिल्डर ने मंजूर ले आउट प्लॉन व नक्शे के विपरीत कॉमन एरिया व पार्किग समेत अन्य जगहों पर अवैध निर्माण कर रखा है। खरीदारों की शिकायत पर प्राधिकरण के प्लॉनिंग विभाग ने आवासीय परिसर का निरीक्षण किया, जिसमें खरीदारों की शिकायत सच पाई गई।
प्राधिकरण ने आरोपों को सही पाया
जांच के दौरान यह सामने आया कि कम्पलीशन सर्टिफिकेट जारी किए जाने के बाद बिल्डर द्वारा कॉमन एरिया में अवैध निर्माण व ग्रीन एरिया में रेलिंग लगाई गई थी। इसके बाद प्राधिकरण ने 4 जुलाई और 9 अगस्त को गृह प्रवेश बिल्डर को दो नोटिस जारी कर तत्काल अवैध निर्माण हटाने के लिए कहा। नोटिस के बावजूद बिल्डर ने अवैध निर्माण नहीं हटाया तो प्राधिकरण दस्ते ने परिसर में कार्रवाई शुरू की। इसके खिलाफ गृहप्रवेश बिल्डर के निदेशकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया कि प्राधिकरण उन्हें जानबूझकर परेशान कर रहा है।
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हाईकोर्ट ने नहीं मानी बिल्डर की दलील
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए बुधवार को बिल्डर की याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने बिल्डर की दलीलों को नहीं माना और प्राधिकरण की नोटिसों पर अपनी मुहर लगा दी। अदालत ने अपने फैसले में कहा, कि 'चार सप्ताह में बिल्डर स्वयं परिसर में मौजूद सभी अवैध निर्माण हटाए और इसकी रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंपे। इसके बाद प्राधिकरण के संबंधित अधिकारी परिसर का निरीक्षण कर यह देंखे कि बिल्डर ने सभी अवैध निर्माण हटाए हैं या नहीं। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो प्राधिकरण कानून के मुताबिक कार्रवाई करते हुए परिसर में मौजूद सभी अवैध निर्माण हटा दे।'
इस मामले में सीईओ अमित मोहन प्रसाद ने बताया, कि 'गृह प्रवेश बिल्डर को नोटिस वहां रहने वालों की शिकायत पर जारी किया गया था। उन्होंने बताया कि अभी प्राधिकरण को अदालत के फैसले की कॉपी नहीं मिली है। फैसले के अध्ययन के बाद प्राधिकरण कानून के आधार पर कार्रवाई करेगा।'
कार्रवाई से बौखलाए बिल्डर ने लगाए थे आरोप
गृह प्रवेश आवासीय परिसर में रहने वालों की शिकायत पर ही प्राधिकरण ने बिल्डर को नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू की थी। इस कार्रवाई से बौखलाए बिल्डर ने सीईओ व अन्य प्राधिकरण अधिकारियों पर आरोप लगाने शुरू कर दिए थे। बिल्डर ने आरोप लगाया था कि प्राधिकरण अधिकारी फ्लैट की डिमांड कर रहे हैं। इसके खिलाफ बिल्डर ने अदालत में याचिका भी दाखिल की थी। बुधवार को अदालत ने बिल्डर की याचिका खारिज करते हुए प्राधिकरण की कार्रवाई को सही माना।