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WFI: बृजभूषण शरण सिंह को मिली बड़ी राहत, साबित नहीं हुए यौन उत्पीड़न के आरोप

WFI: बृजभूषण शरण सिंह की गिनती उत्तर प्रदेश के दबंग राजनेताओं में होती है। वे गोंडा के रहने वाले हैं और मौजूदा समय में कैसरगंज सीट से बीजेपी के लोकसभा सांसद हैं।

Krishna Chaudhary
Published on: 14 April 2023 3:10 PM IST
WFI: बृजभूषण शरण सिंह को मिली बड़ी राहत, साबित नहीं हुए यौन उत्पीड़न के आरोप
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Brijbhushan Sharan Singh (photo: social media )

WFI: भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख और कैसरगंज सीट से बीजेपी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह को महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने के मामले में क्लीन चिट मिल गई है। उनके खिलाफ यौन शोषण के एक भी आरोप साबित नहीं हुए हैं, जोकि देश की दिग्गज महिला पहलवानों विनेश फोगाट और साक्षी मलिक समेत अन्य खिलाड़ियों ने लगाए थे। हालांकि, अभी तक खेल मंत्रालय की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन मंत्रालय के अधिकारियों ने सूत्रों के हवाले से इसकी पुष्टि की है।

दरअसल, इस साल की शुरूआत में यानी जनवरी में देश के शीर्ष पहलवानों बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था। पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ पर तानाशाही करने, महिला पहलवानों का यौन शोषण करने और खिलाड़ियों को डराने – धमकाने का आरोप लगाया था। इस मामले ने खासा तूल पकड़ा था। खिलाड़ियों ने केंद्रीय खेल मंत्रालय से मांग की थी कि WFI को भंग कर दिया जाए और बृजभूषण शरण सिंह को अध्यक्ष पद से हटा दिया जाए।

पहलवानों के आक्रोश और गंभीर आरोपों को देखते हुए खेल मंत्रालय ने 23 जनवरी को महान मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन कर दिया था। साथ ही बृजभूषण शरण को कुश्ती महासंघ के रोजाना के कामकाज से रिपोर्ट आने तक दूर रहने को कहा गया। समिति को एक महीने में रिपोर्ट खेल मंत्रालय को सौंपने को कहा गया था। हालांकि, बाद में मंत्रालय ने इसकी मियाद दो सप्ताह के लिए और बढ़ा दी थी। जानकारी के मुताबिक, अप्रैल के पहले सप्ताह में जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट खेल मंत्रालय को सौंप दी है।

बृजभूषण पर लगे आरोप साबित नहीं हो सके

बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलावनों ने कई गंभीर आरोप लगाए थे। जांच के दौरान उनपर आरोप लगाया था कि बीते वर्ष बुल्गारिया दौरे के दौरान उन्होंने एक महिला फिजियो को पीठ दर्द से राहत के लिए मालिश करने को कहा था। महिला फिजियो ने इस आरोप को खारिज कर दिया। फिजियो ने बताया कि उनके साथ यौन उत्पीड़न जैसी कोई घटना नहीं हुई है। इसके अलावा महिला पहलवान विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने भारतीय ओलंपिक संघ के जांच पैनल को लिखित हलफनामे में बृजभूषण सिंह के खिलाफ जो आरोप लगाए थे, जांच में वे भी गलत पाए गए।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, विनेश फोगाट ने अपने हलफनामे में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप लगाया था कि उन्होंने साल 2015 में तुर्किये दौरे के दौरान उन्हें गलत तरीके से टच किया था। इस आरोप की जांच की गई तो पता चला कि उस साल फोगाट तुर्किये दौरे पर गई ही नहीं थीं। हालांकि, बाद में महिला पहलवान ने कहा था कि वास्तव में यह घटना 2016 के मंगोलिया दौरे के वक्त हुई थी।

इसी प्रकार महिला कुश्ती खिलाड़ी साक्षी मलिक ने अपने हलफनामे में आरोप लगाया था कि साल 2015 में कुश्ती महासंघ के प्रमुख ने उन्हें गले लगाया था, जो कि उन्हें ठीक नहीं लगा। इस पर बृजभूषण का कहना है कि उन्होंने एक पिता की तरह मलिक को गले लगाया। पूर्व महिला पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर फोन नंबर मांगने का भी आरोप लगाया था। हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि क्या कभी कुश्ती महासंघ प्रमुख ने उन्हें फोन मिलाया तो इसका कोई जवाब उनके पास नहीं था। महिला पहलवानों ने ये भी कहा था कि बृजभूषण ने उनके कंधे पर हाथ रखकर फोटो खिंचवाई थीं लेकिन सबूत के तौर पर वो फोटो पेश नहीं कर सकीं।

कौन हैं बृजभूषण शरण सिंह?

बृजभूषण शरण सिंह की गिनती उत्तर प्रदेश के दबंग राजनेताओं में होती है। वे गोंडा के रहने वाले हैं और मौजूदा समय में कैसरगंज सीट से बीजेपी के लोकसभा सांसद हैं। वह पहली बार 1991 में लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में चुने गए थे। इस दौरान वह मात्र एकबार साल 2009 में सपा के टिकट पर जीतकर संसद पहुंचे थे। बृजभूषण सिंह 2011 से कुश्ती संघ के अध्यक्ष भी हैं। 2019 में वे कुश्ती महासंघ के तीसरी बार अध्यक्ष चुने गए थे। छात्र जीवन से राजनीति में सक्रिय रहे बृजभूषण का युवा जीनव अयोध्या के अखाड़ों में गुजरा। पहलवान के तौर पर वे खुद को शक्तिशाली कहते हैं।



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Krishna Chaudhary

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