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UPA के दौर में एक और रक्षा घोटाले की चर्चा, एम्ब्रेयर जेट खरीद में दलाली की जांच
साओ पाओलो/नई दिल्लीः कांग्रेस के नेतृत्व में केंद्र में सत्ता में रही यूपीए सरकार के दौर में हुए एक और रक्षा घोटाले की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है। मामला वायुसेना के अवाक्स सिस्टम के लिए ब्राजील से एम्ब्रेयर जेट खरीदने में दलाली दिए जाने का है। ब्राजील के एक अखबार के मुताबिक वहां की सरकार और अमेरिका दोनों मिलकर भारत और सऊदी अरब को जेट बेचे जाने की जांच कर रहे हैं।
ब्राजीली अखबार में क्या छपा?
ब्राजील के सबसे ज्यादा बिकने वाले अखबार 'फोल्हा द साओ पाओलो' में छपी खबर के मुताबिक एम्ब्रेयर ने अपने जेट विमान बेचने के लिए ब्रिटिश रक्षा दलालों को पैसे दिए। बता दें कि यूपीए के दौर में एम्ब्रेयर से 2.8 अरब डॉलर में ईएमबी-145 जेट विमानों का सौदा हुआ था। इन विमानों पर डीआरडीओ के बनाए 2520 करोड़ के रडार लगाकर इन्हें अवाक्स की शक्ल दी गई है।
पहला विमान डीआरडीओ को साल 2011 में मिला। बाकी दो विमान भी यूपीए के दौर में ही मिले। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक डीआरडीओ का कहना है कि वह घूस दिए जाने के बारे में कुछ नहीं जानता।
कब हुआ था सौदा?
बता दें कि ब्राजील के विमान निर्माता एम्ब्रेयर से ये सौदा साल 2008 में हुआ था। अमेरिका का न्याय विभाग इस सौदे की साल 2010 से ही जांच में जुटा है। ब्राजीली अखबार ने एम्ब्रेयर के रक्षा सौदे संबंधी मैनेजर एल्बर्ट फिलिप क्लोसे का बयान छापा है। जिसमें क्लोसे ने कहा है कि कंपनी के एक पूर्व निदेशक ने अमेरिकी जांचकर्ताओं को बताया है कि एम्ब्रेयर ने भारत को विमान बेचने के लिए प्रतिनिधि की सेवा ली थी। रक्षा सौदे में घूसखोरी का खुलासा इस साल मई में उस वक्त हुआ, जब एम्ब्रेयर के एक कर्मचारी ने ब्राजीली अधिकारियों को इसकी जानकारी दी।
अगुस्ता हेलीकॉप्टर सौदे में भी दी गई थी दलाली
यूपीए सरकार में हुए अगुस्ता हेलीकॉप्टर सौदे में भी दलाली दिए जाने का खुलासा हुआ था। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने हेलीकॉप्टर बनाने वाली कंपनी फिनमेकेनिका को ब्लैकलिस्ट कर दिया था। रक्षा घोटाले के इस मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और उनके भाई भी आरोपी बनाए गए हैं।