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Nancy Pelosi Taiwan Visit: अमेरिका-चीन में बढ़ा टकराव, नैंसी पेलोसी की यात्रा पर जिनपिंग की धमकी बेअसर
Nancy Pelosi Taiwan Visit: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को दी गई धमकी के बावजूद पेलोसी ताइवान की यात्रा करेंगी।
Nancy Pelosi Taiwan Visit: ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। चीन की धमकी को नजरअंदाज करते हुए अमेरिका के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ताइवान की यात्रा (Nancy Pelosi Taiwan Visit) पर पहुंचने वाली है। चार एशियाई देशों की यात्रा पर सोमवार को वे सिंगापुर पहुंची थीं। अमेरिकी मीडिया का कहना है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) को दी गई धमकी के बावजूद पेलोसी ताइवान की यात्रा करेंगी।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति से गत दिनों फोन पर हुई बातचीत में ताइवान मामले में हस्तक्षेप करने पर चीनी सेना के चुप न बैठने की चेतावनी दी थी। उनका कहना था कि आग से खेलने वाला खुद ही इससे जल जाता है। जिनपिंग की इस धमकी का असर होता नहीं दिख रहा है और पेलोसी मंगलवार को ताइवान की यात्रा करने वाली हैं। जानकारों का कहना है कि इस यात्रा से दुनिया की दो बड़ी ताकतों के बीच तनाव चरम पर पहुंचने के आसार हैं।
सिंगापुर के बाद ताइवान का दौरा
वाशिंगटन से सैन्य विमान से रवाना होने के बाद पेलोसी सोमवार को सिंगापुर पहुंची थी और उन्होंने सिंगापुर के प्रमुख नेताओं से मुलाकात की थी। सिंगापुर के दौरे के बाद पेलोसी ताइवान पहुंचेंगी और वहां भी उनकी कई महत्वपूर्ण बैठक में तय की गई हैं।
पेलोसी को ताइवान में जिन्हें प्रमुख लोगों से मुलाकात करनी है, उन्हें इस बाबत पहले ही सूचना दी जा चुकी है। ताइवान की यात्रा के दौरान पेलोसी प्रमुख नेताओं और अफसरों के अलावा आम लोगों से भी मुलाकात करके उनके विचार जानने की कोशिश करेंगी। सूत्रों का कहना है कि अभी यह तय नहीं है कि पेलोसी ताइवान में रात में रुकेगी या नहीं।
चीन के राष्ट्रपति की धमकी बेअसर
हाल के दिनों में अमेरिका कई मंचों पर चीन को घेरता रहा है और माना जा रहा है कि पेलोसी की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ेगा। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी और इस बातचीत के दौरान उन्होंने अमेरिका को ताइवान के मामले में दखल न देने की चेतावनी दी थी। चीन ने साफ तौर पर कहा है कि यदि अमेरिका ने ताइवान में हस्तक्षेप किया तो चीनी सेना भी चुप नहीं बैठेगी। वैसे इस धमकी का असर होता नहीं दिख रहा है।
25 साल बाद अमेरिकी नेता का ताइवान दौरा
अमेरिका के किसी भी बड़े नेता ने हाल के दिनों में ताइवान की यात्रा नहीं की है 1997 में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के तत्कालीन अध्यक्ष न्यूट गिंगरिच ने ताइवान की यात्रा की थी। उसके बाद पिछले 25 वर्षों के दौरान अमेरिका का कोई भी प्रमुख नेता ताइवान के दौरे पर नहीं पहुंचा है। ऐसे में पेलोसी की ताइवान यात्रा को काफी अहम माना जा रहा है। एक जापानी अखबार की ओर से दावा किया गया है कि अमेरिकी सेना पेलोसी के विमान के लिए बफर जोन बनाएगी। अमेरिकी सेना की ओर से ताइवान की सीमा के पास महाविनाशक युद्धपोत भी तैनात किया गया है।
चीन की गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी
दूसरी ओर चीन भी अमेरिका की इस सक्रियता के बाद सतर्क हो गया है। चीन की ओर से अमेरिका को इस यात्रा के गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि हम किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका को यह समझ लेना चाहिए कि इस यात्रा के गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।
पेलोसी की ताइवान यात्रा पर चीन की सेना भी चुपचाप बैठने वाली नहीं है। चीन लंबे समय से ताइवान पर अपनी दावेदारी जताता रहा है और उसे अपनी जमीन का हिस्सा कहता रहा है। दूसरी ओर अमेरिका ताइवान की स्वायत्तता की वकालत करता रहा है। ऐसे में दुनिया की दो बड़ी ताकतों के बीच टकराव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।