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अमित शाह का इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका, झारखंड के ये दिग्गज नेता भाजपा में होंगे शामिल, मुलाकात के बाद बनी बात
Champai Soren Meets Amit Shah: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन 30 अगस्त को भाजपा में शामिल होंगे। इसकी जानकारी असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने दी है।
Champai Soren Meets Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका दे दिया है। इंडिया गठबंधन में शामिल जेएमएम यानी झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता पूर्व सीएम चंपई सोरेन 30 अगस्त को रांची में आधिकारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने अपनी पोस्ट में बताया कि चंपई सोरेन ने सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
गौरतलब है कि चंपई सोरेन सोमवार को नई दिल्ली पहुंचे और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। पिछले मंगलवार के बाद से यह उनकी दूसरी दिल्ली यात्रा थी। अपनी पिछली दिल्ली यात्रा के दौरान उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए थे। साथ ही नया विकल्प भी तलाशने की बात कही थी। इसके बाद ये चर्चाएं भी हुईं कि वे नई पार्टी भी बना सकते हैं।
खुद को अपमानित करने का लगाया था आरोप
इससे पहले दिल्ली पहुंचने पर चंपई ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के माध्यम से पार्टी नेतृत्व पर खुद को अपमानित करने का आरोप भी लगाया था। पोस्ट में उन्होंने लिखा कि लगातार अपमानजनक व्यवहार से भावुक हो कर मैंने सियासत में नए विकल्प को अपनाने का फैसला किया है। चंपई ने अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि लगातार अपमान और तिरस्कार के बाद उनके सामने राजनीति से संन्यास लेने, अपना संगठन खड़ा करने या नए साथी के साथ सफर करने का विकल्प बचा था। मेरे लिए विधानसभा चुनाव तक के सफर के लिए विकल्प खुले हुए हैं। अपमान और तिरस्कार के कारण मैं वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गया। आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।
अब इन सबसे पर्दा उठ चुका है
इन दो यात्राओं के बीच पूर्व मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड के कोल्हन क्षेत्र में अपने समर्थकों से मिले। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से रणनीति पर चर्चा भी की। इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए चंपई सोरेन ने इस ओर इशारा किया था कि वह एक नई पार्टी बनाएंगे। हालांकि, उन्होंने अभी तक झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) या हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया। कुछ ऐसी अटकलें भी लगाई गई थीं कि झामुमो से नाराज 68 वर्षीय चंपई सोरेन अपने कुछ कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी के बाहर अवसर तलाश रहे हैं। अब इन सबसे पर्दा उठ चुका है।
बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन को झारखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया था। उन्होंने फरवरी से जुलाई तक राज्य के सीएम के पद पर कार्य किया। वह 2005 से प्रत्येक चुनाव में विधानसभा के लिए चुने जाते रहे हैं। झारखंड में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाला है।
झामुमो के लिए बड़ा झटका
झामुमो को यह बड़ा झटका है। चंपई सोरेन परिवार के सबसे करीबियों में से एक रहे हैं। इसका अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाने से पहले सीएम हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी चंपई को दी। बताते हैं कि हेमंत के जेल से बाहर आने के बाद जिस प्रकार उन्हें आनन फानन में मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया, उससे वह काफी आहत थे।
भाजपा के लिए बड़ा लाभ का सौदा
2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने झामुमो के हाथों सभी पांच सुरक्षित सीटें गंवा दी थी। आदिवासी बिरादरी की नाराजगी का आलम यह रहा था कि केंद्रीय मंत्री रहे अर्जुन मुंडा भी अपनी सीट नहीं बचा पाए थे। चूंकि चंपई सोरेन परिवार के करीबी और आदिवासी वर्ग के दिग्गज नेता हैं, ऐसे में चंपई की बगावत से झामुमो को नवंबर-दिसंबर में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में बड़ा झटका लग सकता है। चंपई के आने से भाजपा झारखंड में और मजबूत होगी।