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Gujarat में भाजपा की बड़ी तैयारी, शाह ने छह दिनों के लिए डाला डेरा, चुनावी रणनीति को देंगे अंतिम रूप
Gujarat Election 2022: अमित शाह गुजरात मैं विभिन्न क्षेत्रों के पदाधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठक करेंगे और उचित दिशा निर्देश देंगे।
Gujarat Election 2022: गुजरात का विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की जंग बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य होने के कारण भाजपा यहां बड़ी जीत हासिल करने की कोशिश में जुट गई है। इस कारण दीपावली के माहौल में भी गृह मंत्री अमित शाह ने 6 दिनों के लिए गुजरात में डेरा डाल दिया है। हालांकि अभी तक राज्य में चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है मगर माना जा रहा है कि चुनाव आयोग जल्द ही इस बाबत ऐलान कर सकता है।
अपनी छह दिनों की यात्रा के दौरान शाह गुजरात में भाजपा की चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देंगे। शाह गुजरात मैं विभिन्न क्षेत्रों के पदाधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठक करेंगे और इस दौरान चुनावी रणनीति के संबंध में पदाधिकारियों को उचित दिशा निर्देश देंगे। शाह की इस गुजरात यात्रा को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भाजपा की सेंधमारी रोकने की कोशिश
गुजरात के विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी ने भी पूरी ताकत लगा रखी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता लगातार राज्य का दौरा करने में जुटे हुए हैं। ऐसे में भाजपा अपने वोट बैंक में सेंधमारी रोकने की कोशिश में जुट गई है।
शाह की मौजूदा यात्रा भाजपा की चुनावी रणनीति के नजरिए से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। शाह गांधीनगर सीट से सांसद हैं और उन्हें गुजरात के चुनावी समीकरणों की बखूबी जानकारी है। ऐसे में उनकी मौजूदा गुजराती यात्रा भाजपा को चुनावी नजरिए से मजबूत बनाने में काफी मददगार साबित हो सकती है।
इसलिए सतर्क हो गई है भाजपा
गुजरात की सत्ता 1995 से ही भाजपा के हाथों में है। हालांकि पिछले चुनावों में भाजपा की सीटें लगातार कम होती गईं। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 99 सीटों पर जीत हासिल की थी जो बहुमत के आंकड़े से सिर्फ 7 सीटें ज्यादा है। यही कारण है कि भाजपा अगले विधानसभा चुनाव को लेकर काफी सतर्क हो गई है। गुजरात पहुंचने के बाद शनिवार को अमित शाह ने वलसाड में दक्षिणी गुजरात के भाजपा पदाधिकारियों के साथ बड़ी बैठक की थी। इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटिल, प्रदेश सरकार के अन्य मंत्री सांसद, विधायक और अन्य महत्वपूर्ण नेता मौजूद थे।
रविवार को भी शाह की बड़ी बैठक वड़ोदरा में प्रस्तावित है। गुजरात के मध्य क्षेत्र के पदाधिकारियों की इस बैठक में भी चुनावी रणनीति पर चर्चा की जाएगी। भाजपा की चुनाव को कितना महत्व दे रही है, इस बात को इसी से समझा जा सकता है कि सोमवार को दीपावली के दिन भी उत्तरी गुजरात के पदाधिकारियों की बैठक पालनपुर में बुलाई गई है। दीपावली के दूसरे दिन यानी मंगलवार को सौराष्ट्र और सोमनाथ इलाके के पदाधिकारियों की बैठक में चुनावी रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
प्रत्याशियों के चयन से पहले फीडबैक
गुजरात की सत्ता में 27 साल से होने के कारण भाजपा को एंटी इनकंबेंसी का खतरा भी महसूस हो रहा है। इसलिए पार्टी के प्रत्याशियों को लेकर भी काफी सतर्कता बरतने की तैयारी है। भाजपा से जुड़े हुए सूत्रों का कहना है कि उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम मुहर लगाने से पहले हर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी की ओर से पर्यवेक्षक भेजने की तैयारी है। इसके साथ ही संभावित प्रत्याशियों के बारे में पार्टी के मौजूदा और पूर्व पदाधिकारियों से फीडबैक भी लिया जाएगा। भाजपा की गुजरात इकाई की ओर से भेजे गए नामों पर मुहर लगाने में इस फीडबैक की भी बड़ी भूमिका होगी।
भाजपा का सबसे बड़ी जीत का लक्ष्य
पार्टी ने इस बार गुजरात में सबसे बड़ी जीत हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल का कहना है कि हम सबसे बड़ी जीत हासिल करने के लिए पार्टी की रणनीति को और पुख्ता बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। हालांकि गुजरात में सबसे बड़ी जीत हासिल करना आसान काम नहीं है क्योंकि 1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने गुजरात में 149 सीटें हासिल की थीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने मुख्यमंत्रित्व काल में इस रिकॉर्ड को तोड़ने में कामयाब नहीं हो सके थे। 2002 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 127 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि पिछले चुनाव में पार्टी 99 सीटों पर ही अटक गई थी। ऐसे में सियासी जानकारों का मानना है कि भाजपा के लिए सबसे बड़ी जीत हासिल करना आसान नहीं साबित होगा।