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पुलिस किसी की दुश्मन नहीं, शांति की दोस्त, सदैव करें सम्मान: अमित शाह
अमित शाह रविवार को दिल्ली पुलिस के 73वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम में पहुंचे। यहां उन्होंने परेड की सलामी ली और फिर लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वे लोगों से निवेदन करना चाहते हैं कि जब भी आप दिल्ली आएं तो हमारे राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले 35,000 पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए पुलिस स्मारक जरूर जाएं।
नई दिल्ली: अमित शाह रविवार को दिल्ली पुलिस के 73वें स्थापना दिवस के कार्यक्रम में पहुंचे। यहां उन्होंने परेड की सलामी ली और फिर लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वे लोगों से निवेदन करना चाहते हैं कि जब भी आप दिल्ली आएं तो हमारे राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले 35,000 पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए पुलिस स्मारक जरूर जाएं।
’गृह मंत्री ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने कहा था कि हमें समझना चाहिए कि पुलिस हमारी सुरक्षा के लिए है। इसलिए केवल उसकी आलोचना या अपराधियों की तरफ से उन्हें निशाना बनाना ठीक नहीं है उसके काम को भी समझना चाहिए। पुलिस शांति और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने का काम बिना किसी धर्म और जाति को देखकर नहीं करती है। जरुरत पर मदद करती है। वो किसी की दुश्मन नहीं है पुलिस शांति की दोस्त है। इसलिए सदैव उसका सम्मान किया जाना चाहिए।’
वहीं अमित शाह ने कहा कि दिल्ली पुलिस को शरारती तत्वों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। शाह ने 1950 में भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के एक भाषण का हवाला देते हुए कहा कि गुस्से और उकसावे के बावजूद दिल्ली पुलिस को शांत रहना चाहिए। साथ ही लोगों की सुरक्षा के लिए उपद्रवों से दृढ़ता से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।
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गृह मंत्री ने कहा कि कई मौकों पर दिल्ली पुलिस ने सरदार पटेल की इस सलाह को माना है। उन्होंने कहा, ‘देश की आजादी के बाद 35,000 से ज्यादा पुलिस के जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान देश की सुरक्षा और देश की कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए दिया है। हमारे लिए अनेक त्योहार होते हैं लेकिन पुलिस के लिए हर त्योहार अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने का मौका होता है। इतनी जिम्मेदारी के साथ जो अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं, उनका सम्मान देश के हर नागरिक के हृदय में होना चाहिए।’
पुलिस बिना किसी जाति-धर्म के लोगों की मदद करती है। उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए अनेक त्योहार होते हैं लेकिन पुलिस के लिए हर त्योहार अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने का मौका होता है। इतनी जिम्मेदारी के साथ जो अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं, उनका सम्मान देश के हर नागरिक के हृदय में होना चाहिए।
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पुलिस शांति और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने का काम बिना किसी धर्म और जाति को देखकर नहीं करती है, जरुरत पड़ने पर मदद करती है। वो किसी की दुश्मन नहीं है। पुलिस शांति की दोस्त है, व्यवस्था की दोस्त है इसलिए सदैव उसका सम्मान किया जाना चाहिए।