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Amit Shah Statement: अब देश के खिलाफ बोलने पर जेल, मॉब लिंचिंग पर फांसी की सजा... तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल पर बोले अमित शाह
Amit Shah Statement: आज लोकसभा में गृहमंत्री ने कहा कि हम राजद्रोह की जगह देशद्रोह लेकर आए हैं। आईपीसी ने राजद्रोह को ‘‘सरकार के खिलाफ कार्य‘‘ के रूप में परिभाषित किया था। लेकिन बीएनएस प्रावधान उन लोगों के लिए है, जो देश की संप्रभुता, सुरक्षा को प्रभावित करते हैं।
Amit Shah Statement: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानूनों के मुताबिक मॉब लिंचिंग के अपराध के लिए मौत की सजा का प्रावधान होगा। केंद्र के अनुसार नए विधेयकों का उद्देश्य देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पुनर्जीवित करना है, जिसमें ‘‘दंड‘‘ के बजाय ‘‘न्याय‘‘ पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति की बात कही थी, उसी के तहत गृह मंत्रालय ने आपराधिक कानूनों में बदलाव के लिए गंभीरता से विचार किया। लोकसभा में बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि मैंने तीनों विधेयकों को गहनता से पढ़ा है और इन्हें बनाने से पहले 158 परामर्श सत्रों में भाग लिया है। अमित शाह ने कहा कि सीआरपीसी में पहले 484 धाराएं थीं, अब इसमें 531 धाराएं होंगी। 177 धाराओं में बदलाव किए गए हैं और 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं। 39 नई उप-धाराएं जोड़ी गई हैं तो वहीं 44 नए प्रावधान जोड़े गए हैं।
उन्होंने कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति की बात कही थी, उसी के तहत गृह मंत्रालय ने आपराधिक कानूनों में बदलाव के लिए गंभीरता से विचार किया।
‘मॉब लिंचिंग’ पर फांसी की सजा का प्रावधान-
अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि "नए कानून व्यक्ति की स्वतंत्रता, मानव के अधिकार और सबके साथ समान व्यवहार के तीन सिद्धांतों के आधार पर बनाए जा रहे हैं। आजादी के बाद पहली बार अपराध न्याय प्रणाली से जुड़े तीनों कानूनों का मानवीकरण होगा। नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों को प्रभावित करने वाले कानूनों को प्राथमिकता दी गई है। उसके बाद मानव अधिकारों से जुड़े कानूनों और देश की सुरक्षा से संबंधित कानूनों को प्राथमिकता दी गई है।" उन्होंने यह भी कहा कि ‘मॉब लिंचिंग’ घृणित अपराध है और नए कानून में इस अपराध में फांसी की सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पहली बार आतंकवाद की व्याख्या करने जा रही है। इसके साथ ही राजद्रोह को देशद्रोह में बदला जा रहा है।