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Amla Navami 2022: आंवला नवमी में शुभ मुहूर्त पर करें पूजा, यहां जाने आंवले की पूजा का विशेष महत्व
Amla Navami 2022: शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी के रूप में मनाया जाता है। इसे कई लोग अक्षय नवमी के नाम से भी जानते हैं।
Amla Navami 2022: हिंदू धर्म में आंवला के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है। शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी के रूप में मनाया जाता है। इसे कई लोग अक्षय नवमी के नाम से भी जानते हैं। इस नवमी तिथि के दिन लोग आंवला वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं आराधना करते हैं और आंवला के पेड़ के नीचे भोजन बनाकर भगवान विष्णु को भोग लगाते हैं। ऐसी मान्यता है कि आंवले के वृक्ष के नीचे ही भगवान को भोग लगाने के बाद प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए। ऐसा करने से जाने-अनजाने में किए गए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती है और भक्तों का जीवन खुशहाल रहता है। तो आइए आपको बताते हैं कि आंवला नवमी कब है, शुभ मुहूर्त और क्या महत्व होता है।
आंवला नवमी 2022 कब है
(Amla Navami 2022 Date)
आंवला नवमी 2 नवंबर 2022, बुधवार है।
आंवला नवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त
(Amla Navami 2022 Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के मुताबिक, कार्तिक महीने की आंवला नवमी 01 नवंबर 2022 को रात 11 बजकर 04 मिनट से शुरू होगी। इसका समापन 02 नवंबर 2022 को रात 09 बजकर 09 मिनट पर होगा। ऐसे में आंवला नवमी उदया तिथि पर 2 नवंबर को मनाया जाएगा।
शुभ मुहूर्त
सुबह 06 बजकर 34 मिनट से दोपहर 12.04 तक
अभिजित मुहूर्त - सुबह 11:55 से दोपहर 12:37 तक
आंवला नवमी पर ये जरूर करें
आंवला नवमी के दिन आंवले के पेड़ में सूत बांधकर परिक्रमा जरूर लगानी चाहिए। ऐसा करने से मनचाहा फल प्राप्त होता है।
आंवला नवमी महत्व
(Amla Navami Importance)
हिंदू शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि आंवले के वृक्ष पर भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए आंवला नवमी के दिन आंवला वृक्ष की पूजा करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।
आंवला पूजा करने से व्यक्ति को धन, विवाह, संतान, दांपत्य जीवन से जुड़ी सारी समस्याएं समाप्त हो जाती है।
शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि आंवले की पूजा करने से गौ दान करने के समान पुण्य मिलता है। मां लक्ष्मी की कृपा अपने भक्तों पर बनी रहती है।