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Amogh LilaDas Controversy:रामकृष्ण परमहंस,स्वामी विवेकानद पर टिप्पड़ी करने वाले संत हुए इस्कॉन सोसाइटी से बैन जानिए मामला
Amogh Lila Das Controversy: इटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कांशसनेस के मुख्य संत अमोघ लीला दास ने अपने गुरु राम कृष्णा परमहंश और स्वामी विवेकानंद पर बड़ी टिप्पड़ी की है। विवादित बयान देने के बाद इस्कॉन सोसाइटी ने उनपर एक माह के लिए बैन लगा दिया है।
Amogh Lila Das Controversy: इटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कांशसनेस के मुख्य संत अमोघ लीला दास ने अपने गुरु राम कृष्णा परमहंश और स्वामी विवेकानंद पर बड़ी टिप्पड़ी की है। यह टिप्पड़ी उनके लिए एक समस्या बन गयी है। विवादित बयान देने के बाद इस्कॉन सोसाइटी ने उनपर एक माह के लिए बैन लगा दिया है। एक माह तक वह पूर्ण पश्चाताप करेंगे और इस्कॉन मंदिर के अंदर किसी भी प्रकार के धार्मिक कार्यो का हिस्सा नहीं रहेंगे। वह एक माह तक मथुरा में रहकर गोवर्धन पर्वत की पहाड़ी पर अपने इस बयान का प्रायश्चित करेंगे।
क्या है पूरा मामला ?
इटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कांशसनेस के मुख्य संत अमोघ लीला दास ने महान संत स्वामी विवेकानंद पर टिप्पड़ी करते हुए कहा कि क्या कोई महान पुरुष मछली खा सकता है। इसका अर्थ है की क्या कोई महान व्यक्ति एक जानवर मार कर खायेगा। एक महान व्यक्ति को भी जानवर पर तरस नहीं आया। एक महान यक्ति भी मछली मारकर खा सकता है।
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इस्कॉन सोसाइटी ने दिया अपना बयान
इस्कॉन सोसाइटी के संतो का कहना है की अमोघ लीला दस के बयान आपत्तिजनक के साथ ही अपमानजनक भी है। इस तरह की टिप्पड़ी एक संत और धार्मिक व्यक्ति को सोभा नहीं देती हैं। यह अमोघ लीला दास की सोच और जागरूकता की कमी को भी दर्शाता है। इन सभी बयान और टिप्पड़ियों का इस्कॉन सोसाइटी से कोई ताल्लुख नहीं है। यह सभी बयान उनके अपनी स्वयं की सोच के अनुसार दिए गए है।
कौन है अमोघ लीला दास
अमोघ लीला दस एक धर्म गुरु है। लखनऊ के एक धार्मिक परिवार से उनका नाता है। वह सोशल मीडिया मुख्यता यू टीयूब का एक चर्चित चेहरा है। वह अद्यात्म और धर्म से जुड़े प्रवचन देते है और जनता तक धार्मिक ज्ञान पहुंचाते है। उनका असली लाम आशीष अरोड़ा है। एक छोटी उम्र में वे एक ब्रम्हचारी बन इस्कॉन सोसाइटी में शामिल हो गए थे। एक संत और ब्रम्हचारी बनने से पहले एक इंजीनियर थे।
क्या है इस्कॉन सोसाइटी
इस्कॉन का पूरा नाम "International Society for Krishna Consciousness" है और 1966 में भारत के आर्य घाट (वृंदावन) में आचार्य भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद द्वारा स्थापित किया गया था। इसका मुख्यालय वर्ष 1977 में अमेरिका के लॉस एंजिल्स में स्थानांतरित किया गया था। इस्कॉन की मुख्य उद्देश्य है कृष्ण भक्ति के माध्यम से मनुष्यों को सुखी, आदर्श और पूर्ण जीवन जीने का मार्ग दिखाना। इसके सदस्य विश्वभर में फैले हुए हैं और वे वैदिक शास्त्रों के अनुसार जीवन जीने का प्रयास करते हैं। इस्कॉन सोसायटी के सदस्य भगवान कृष्ण के भक्त होते हैं और वे उनके प्रेम, भक्ति और सेवा में निरंतर लगे रहते हैं।