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मुस्लिम विश्वविद्यालय ने हिंदू विश्वविद्यालय के समर्थन में किया विरोध प्रदर्शन
लखनऊ: छात्राओं के विरोध प्रदर्शन को गंभीरता से न लेने पर बीएचयू के हालात असमान्य होे गए है। बीएचयू के ताजा हालात पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने वहां मार्च निकाला। वैसे तो एक हिंदू विवि है, तो दूसरा मुस्लिम विवि है। पर दोनों विवि के संस्थापक सदस्यों ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन के में सक्रिय भूमिका निर्भाइ थी।
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सर सैयद अहमद खां को आधुनिक भारत के निर्माता, समाज सुधारक एवं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक के तौर पहचान मिली। उनका जन्म अक्तूबर 1817 को दिल्ली में हुआ था। वहीं बीएचयू के संस्थापक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय रहें है। दोनों विचारकों,समाजसुधारकों ने कड़ी तपस्या करके शिक्षा की इन इमारतों को खड़ा किया था जिनके सैकड़ों किस्से आज भी चर्चा—ए— आम है।
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इस समय वहां हालात अच्छे नहीं है। छात्रों पर मुकदमें हो चुकें है। विश्वस्तरीय शैक्षिक माहौल बनाने के लिए सर सैयद अहमद और महामना ने इन विवि की स्थापना की थी, जो कि कुछ हद तक अपने उद्देश्यों को भी पूरा किया।आज वहां परिसर में छात्राएं अपने अधिकारों के लेकर आंदोलित है।
बीएचयू ने हल्के में लिया था पूरा प्रकरण
बीएचयू प्रशासन ने यदि धरने के पहले दिन ही छात्र-छात्राओं से संवाद किया गया होता तो परिसर में उपद्रव के हालात नहीं बनते। ऐसा न होने से नाराजगी बढ़ गई और आंदोलन बढ़ता गया। हालात नियंत्रण में होने का दावा करने वाले अधिकारियों पर भी रिपोर्ट में सवाल उठे हैं।