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UCC के मुद्दे पर अटका भाजपा-अकाली दल का गठबंधन,BJP पीछे हटने को तैयार नहीं,दोनों दलों ने संभावना को किया खारिज

नई दिल्ली: समान नागरिक संहिता (UCC) के मुद्दे पर पंजाब में भाजपा और अकाली दल के बीच गठबंधन अटक गया है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दोनों दलों के बीच गठबंधन की चर्चाएं जोरों पर थीं मगर अब दोनों दलों के नेताओं ने गठबंधन की संभावनाओं को खारिज कर दिया है।

Anshuman Tiwari
Published on: 7 July 2023 8:03 AM GMT
UCC के मुद्दे पर अटका भाजपा-अकाली दल का गठबंधन,BJP पीछे हटने को तैयार नहीं,दोनों दलों ने संभावना को किया खारिज
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नई दिल्ली: समान नागरिक संहिता (UCC) के मुद्दे पर पंजाब में भाजपा और अकाली दल के बीच गठबंधन अटक गया है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दोनों दलों के बीच गठबंधन की चर्चाएं जोरों पर थीं मगर अब दोनों दलों के नेताओं ने गठबंधन की संभावनाओं को खारिज कर दिया है।
जानकारों का कहना है कि अकाली दल समान नागरिक संहिता के मुद्दे को लेकर सहज नहीं है। पार्टी चाहती थी कि भाजपा इस मुद्दे पर पीछे हट जाए मगर भाजपा नेतृत्व इसके लिए तैयार नहीं दिख रहा है। यही कारण है कि अब दोनों दलों के बीच गठबंधन की संभावनाएं नहीं दिख रही हैं।

भाजपा अपने दम पर लड़ेगी पंजाब में चुनाव

दरअसल पिछले कई दिनों से भाजपा और अकाली दल के बीच गठबंधन के कयास लगाए जाते रहे हैं मगर अब दोनों दलों के नेता गठबंधन की संभावनाओं को खारिज करते हुए दिख रहे हैं। पंजाब के भाजपा प्रभारी विजय रुपाणी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि पार्टी राज्य की सभी 13 लोकसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। उनका कहना है कि पार्टी की ओर से सभी चुनाव क्षेत्रों में तैयारियां की जा रही हैं।
हाल ही में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए सुनील जाखड़ का भी कहना है कि भाजपा और अकाली दल के बीच गठबंधन को लेकर कोई चर्चा नहीं चल रही है। उनका कहना है कि दोनों दलों के बीच इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई है। हालांकि इसके साथ ही वे यह भी कहते हैं कि किसी भी गठबंधन के संबंध में फैसला पार्टी हाईकमान की ओर से ही लिया जा सकता है।

सुखबीर बादल ने भी अटकलों को किया खारिज

अकाली दल के नेता सुखबीर बादल ने भी पंजाब में भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर लगाई जा रही अटकलों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि इस संबंध में दोनों दलों के बीच कोई बातचीत नहीं हो रही है। सुखबीर बादल का कहना है कि पंजाब में अकाली दल ने बसपा के साथ गठबंधन कर रखा है और ऐसे में भाजपा के साथ हाथ मिलाने का कोई सवाल नहीं है।
उन्होंने कहा कि हाल में पार्टी नेताओं की बैठक के दौरान पार्टी की रणनीति पर चर्चा की गई है और जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के गठबंधन के मुद्दे पर अभी पार्टी में कोई चर्चा नहीं हुई है।

यूसीसी पर भाजपा पीछे हटने को तैयार नहीं

जानकार सूत्रों का कहना है कि दरअसल समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर दोनों दलों के बीच मतभेद के कारण गठबंधन की संभावनाएं नहीं दिख रही हैं। अकाली दल यूसीसी के मुद्दे को संवेदनशील मान रहा है। पार्टी चाहती है कि भाजपा इस मुद्दे पर पीछे हट जाए।
अकाली दल की ओर से कहा गया है कि भाजपा इस बात का भरोसा दे कि यूसीसी को लागू नहीं किया जाएगा। पार्टी सिख कैदियों की जेल से रिहाई भी चाहती है।
दूसरी ओर भाजपा यूसीसी के मुद्दे पर पांव पीछे खींचने के लिए तैयार नहीं दिख रही है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर भाजपा को पूरे देश में अच्छा समर्थन हासिल हो सकता है और ऐसे में पंजाब की 13 सीटों को लेकर पीछे हटने से कोई फायदा नहीं होगा। यही कारण है कि पार्टी इस मुद्दे पर कोई आश्वासन देने के लिए तैयार नहीं है।

सिख संगठन भी कर रहे यूसीसी का विरोध

पंजाब में कई सिख संगठनों की ओर से भी समान नागरिक संहिता का विरोध किया जा रहा है। सिख संगठनों की ओर से सिख पर्सनल ला बोर्ड का गठन करने का भी फैसला किया गया है। सिख संगठनों को यूसीसी के जरिए उनके धार्मिक नियमों में दखल का डर सता रहा है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की बैठक के दौरान समान नागरिक संहिता का विरोध करने का फैसला किया गया। सिख संगठनों के विरोध को देखते हुए अकाली दल ने भी यूसीसी के मुद्दे पर अपने तेवर कड़े कर लिए हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी यूसीसी को भाजपा की विभाजनकारी नीति बताते हुए इसका विरोध किया है। हालांकि पार्टी के नेता संदीप पाठक ने सैद्धांतिक रूप से यूसीसी का समर्थन करने का ऐलान किया था। उनका यह भी कहना था कि इस मुद्दे पर व्यापक विचार विमर्श के बाद ही कोई फैसला लिया जाना चाहिए।

Anshuman Tiwari

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