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मायावती के CM रहते भाई आनंद कुमार की कंपनियों को हुआ 18,000% का मुनाफा!
नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार की संपत्ति में अप्रत्याशित वृद्धि से सभी हैरान हैं। बीते कुछ सालों में उनकी तेजी से हुई कारोबारी तरक्की ने सबका ध्यान उनकी ओर खींचा। उनकी दौलत 2007-2014 के बीच काफी तेजी से बढ़ी। गौरतलब है कि ये वही वक्त था जब उनकी आनंद कुमार की बहन मायावती उत्तर प्रदेश कि सीएम थीं।
बताया जाता है इस दौरान आनंद की कुल संपत्ति 7.5 करोड़ रुपए से बढ़कर 1,316 करोड़ रुपए हो गई। बताया जाता है इस दौरान आनंद कुमार की कंपनियों ने महज सात साल में 18 हजार प्रतिशत का मुनाफा कमाया। हालांकि आनंद कुमार की जीवन शैली बेहद साधारण है। उनकी तस्वीरें बमुश्किल ही मीडिया को भी मिल पाती हैं।
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ये खबर टाइम्स नाउ चैनल के हवाले से सामने आई है। चैनल का दावा है कि उनके पास आयकर विभाग की जांच से जुड़े डिटेल्स हैं। इनके जरिए कागजों पर कंपनियां बनाए जाने, करोड़ों का संदिग्ध लोन लेने और रियल एस्टेट सेक्टर में बड़े पैमाने पर निवेश किए जाने की बात सामने आई है।
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कंपनियों का वजूद सिर्फ कागजों पर
चैनल का दावा है कि आनंद कुमार की आकृति होटल्स प्राइवेट लिमिटेड में डिबेन्चर शेयर्स के जरिए हिस्सेदारी है। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के आंकड़ों के मुताबिक, आकृति होटल्स दिल्ली की एक कंपनी है। इस कंपनी के तीन डायरेक्टर और 37 इक्विटी शेयर होल्डर्स हैं। हालांकि, ये सभी वैध नजर नहीं आ रहे। जांच में ये भी सामने आया है कि आकृति होटल्स की कई शेयरहोल्डर कंपनियों का वजूद सिर्फ कागजों पर ही है।
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बिना ऑफिस के चल रही कंपनियां
इसी तरह आकृति होटल्स में कई कंपनियों-भास्कर फंड मैनेजमेंट लिमिटेड, क्लिफ्टन पियरसन एक्सपोर्ट एंड एजेंसीज, डेल्टन एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड, गंगा बिल्डर्स लिमिटेड की हिस्सेदारी है। इनके पास कुल 5,00,150 शेयर हैं। पड़ताल में पाया गया कि ये कंपनियां कोलकाता के महेशताला स्थित एक ही बिल्डिंग से ऑपरेट होती रही हैं। तीनों के डायरेक्टर भी एक ही हैं। जांच में इस लोकेशन पर ऐसा कोई ऑफिस नहीं मिला।
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सभी कंपनियों में काम का तरीका एक जैसा ही
कुछ इसी तरह का मामला गुवाहाटी में भी देखने को मिला। टाइम्स नाउ चैनल ने भारत भर में फैली ऐसी सात कंपनियों के बारे में पता लगाया। सभी में एक समान चीज देखी गई है कि ये सारी कंपनियां न केवल कागजों पर ही मौजूद हैं, बल्कि पैसों के लेन-देन को लेकर भी इनका तौर-तरीका एक सा ही है।