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आनंदी ने रूपानी को राह से हटाया, CM पद के लिए नितिन के कांटे दूर

Rishi
Published on: 4 Aug 2016 7:40 PM GMT
आनंदी ने रूपानी को राह से हटाया, CM पद के लिए नितिन के कांटे दूर
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yogesh-mishra Yogesh Mishra

अहमदाबादः गुजरात में नितिन पटेल ने सीएम बनने का रास्ता तकरीबन तय कर लिया है। निवर्तमान मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने नितिन पटेल के रास्ते के सारे कांटे हटाने में अहम किरदार निभाया। हालांकि अभी भी गुजरात के विधायकों का ये कहना है कि मुख्यमंत्री पद पर उनकी पहली पसंद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ही हैं।

गौरतलब है कि शाह के मुख्यमंत्री बनने की अटकलों को वेंकैया नायडू खारिज कर चुके हैं, लेकिन अमित शाह के अचानक गांधीनगर पहुंचने से नायडू की ओर से खारिज अटकलों को फिर हवा मिलने लगी है। विधायकों ने एक सुर में कहा है कि उनकी पहली पसंद अमित शाह ही हैं। वैसे मुख्यमंत्री पद की दौड़ में गुजरात बीजेपी अध्यक्ष विजय रूपानी सबसे आगे थे। दूसरे स्थान पर नितिन पटेल का नाम था। लेकिन अपने बच्चों के विवादों को लेकर आनंदी बेन पटेल ने इतनी सुर्खियां बटोरीं कि उनके इस्तीफे का यही मूल कारण बना। तमाम ऐसे ऑडियो गुजरात में वायरल हुए, जिनके छींटे आनंदी बेन के परिवार और सरकार पर पड़े।

भरोसेमंद सूत्रों की मानें तो इस्तीफा देने के लिए तैयार कराई गई आनंदी बेन ने तुरुप का इस्तेमाल मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल विजय रूपानी को चित करने के लिए किया। बताते हैं कि आनंदी बेन ने बीजेपी हाईकमान और प्रधानमंत्री को साफ कह दिया था कि मेरा इस्तीफा उस वक्त तक नहीं होगा जब तक विजय रूपानी ये नहीं कहते कि वह खुद सीएम की रेस से बाहर हैं और संगठन का काम ही देखेंगे। आनंदी बेन के समर्थकों का मानना है कि उनके खिलाफ हुए सभी कुप्रचारों का सिरा विजय रूपानी से जुड़ता है। रूपानी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। मोदी सरकार में मंत्री भी रहे हैं।

आनंदी बेन पटेल के इस कहे की पुष्टि इससे भी होती है कि सारे मंत्री राजभवन पहुंच गए थे, लेकिन खुद आनंदी बेन ही अनुपस्थित थीं। जब रूपानी ने यह ऐलान कर दिया कि वह संगठन का ही काम देखेंगे, सीएम पद की दौड़ में वह शामिल नहीं हैं, तब आनंदीबेन का इस्तीफा हुआ। आनंदी बेन की तुरुप की इस चाल से नितिन पटेल के मुख्यमंत्री बनाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। हालांकि भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि संघ की यह दृढ़ धारणा है कि अमित शाह के बिना गुजरात फतह का कोई फॉर्मूला नहीं बनता है। संघ ने तो अमित शाह के विकल्प के तौर पर राम माधव का नाम भी सुझाया है। हाल-फिलहाल मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे नितिन पटेल उत्तरी गुजरात के बड़े किसान हैं।

फाइल फोटोः आनंदीबेन पटेल (बीच में), ऊपर बाएं विजय रूपानी और नितिन पटेल (ऊपर दाएं)

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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