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Anantnag Encounter: जानें कौन हैं अनंतनाग में शहीद हुए सेना के दो अफसर और जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी
Anantnag Encounter: कल यानी बुधवार 13 सितंबर को एक ऐसी ही ऑपरेशन में देश ने सेना के दो जांबाज अधिकारी और जम्मू कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी को खो दिया।
Anantnag Encounter: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर पुलिस में सालों से सेना और वहां की पुलिस पाकिस्तान पोषित आतंकवादियों से लोहा ले रही है। विशेषकर अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से घाटी में एंटी टेरर ऑपरेशन में वृद्धि हुई है और सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी भी मिली है। कल यानी बुधवार 13 सितंबर को एक ऐसी ही ऑपरेशन में देश ने सेना के दो जांबाज अधिकारी और जम्मू कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी को खो दिया। इस खबर से पूरे देश में गम का माहौल है।
आतंकियों से मोर्चा लेने के दौरान देश के लिए शहीद होने वालों में सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोंचक और जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट शामिल हैं। शहादत की खबर मिलते इन अधिकारियों के घरों में मातम पसर गया है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। इस हमले की जिम्मेदारी पाक पोषित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े प्रतिबंधित संगठन रेजिस्टेंट फ्रंट ने ली है। तो चलिए एक नजर देश के इन वीर शहीदों पर डालते हैं।
शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह
महज 41 वर्ष की उम्र में दुश्मनों से लड़ते हुए देश के लिए अपनी जान दे देने वाले शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह एक ऐसे परिवार से आते हैं, जिनका सेना से गहरा नाता रहा है। उनके पिता और दादा भी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। मूल रूप से पंजाब के मोहाली भरऊजान गांव के रहने वाले मनप्रीत सिंह ने 2003 में एनडीए में कमिशन हुए थे। 2005 में वह ट्रेनिंग पूरी करके सेना में शामिल हुए। उनकी पत्नी हरियाणा के पंचकूला के मोरनी में सरकारी स्कूल में लेक्चरर है।
इनका एक साल साल का बेटा और एक बेटी है। उन्होंने सेना में रहते हुए देश के दुश्मनों के खिलाफ चलाए गए कई अभियानों का नेतृत्व किया। कर्नल सिंह को उनकी बहादुरी के लिए सेना मेडल से सम्मानित कर चुकी है। उनकी तैनाती साल 2019 से 2021 तक सेना में सेकेंड इन कमांड के तौर पर थी। बाद में उन्होंने कमांडिंग अफसर के तौर पर काम किया।
शहीद मेजर आशीष धोंचक
शहीद मेजर आशीष धोंचक की सेना में भर्ती लेफ्टिनेंट के पद पर हुई थी। अपनी काबिलियत के बदौलत उन्हें सेना में प्रमोशन मिलता रहा और वे मेजर के पद तक पहुंचे। 19 राष्ट्रीय रायफल्स से जुड़े मेजर आशीष को इसी साल 15 अगस्त को सेवा मेडल से सम्मानित किया गया था। वे हरियाणा के पानीपत जिले के बिंझौल गांव के रहने वाले थे। वे अपने तीन बहनों के इकलौते भाई थे। दो साल पहले ही उनकी पोस्टिंग यूपी के मेरठ से जम्मू हुई थी। वह दो साल की बेटी के पिता हैं। वर्तमान में उनका परिवार पानीपत के सेक्टर-7 में रहता है।
शहीद डीएसपी हुमायूं भट
आतंकवादियों से लोहा लेते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट भी शहीद हो गए। भट जम्मू कश्मीर पुलिस के नौजवान अधिकारी थे। 2018 बैच के अधिकारी हुमायूं भट की गिनती तेजतर्रार अधिकारियों में होती थी। उनके पिता गुलाम हसन भट जम्मू कश्मीर पुलिस में आईजी के पद से रिटायर हुए थे। बीते साल ही उनकी शादी हुई थी। भट की दो माह की एक बेटी भी है। मूलरूप से पुलवामा जिले के रहने वाले हुमायूं भट बुधवार को देर रात बडगाम के हुम्हामा में दफनाया गया। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। वहीं, जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने उनके पार्थिव शरीर को कंधा दिया।