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Andhra Pradesh News: TDP नहीं चाहती जनसंख्या के आधार पर परिसीमन, नायडू की पार्टी ने बढ़ाई BJP की मुश्किलें
Andhra Pradesh News: टीडीपी ने जनसंख्या के आधार पर किए जा रहे अगले परिसीमन का विरोध किया है। संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान टीडीपी ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए।
Andhra Pradesh News: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी ने जनसंख्या के आधार पर किए जा रहे अगले परिसीमन का विरोध किया है। संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान टीडीपी ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए। टीडीपी सांसद लवू श्रीकृष्ण देवरायलु ने संविधान पर बहस के दौरान इस कदम पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम से दक्षिण के राज्यों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।
इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा 240 सीटों पर ही अटक गई थी और उसे बहुमत का आंकड़ा पाने के लिए नीतीश की अगुवाई वाले जदयू और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी के समर्थन की दरकार है। नायडू की पार्टी टीडीपी के 16 सांसद चुनाव जीते हैं। ऐसे में मोदी सरकार के गठन में नायडू की बड़ी भूमिका है। ऐसे में टीडीपी की ओर से किए गए इस विरोध को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है।
उत्तर के राज्य ताकतवर होंगे और दक्षिण के कमजोर
टीडीपी सांसद देवरायलु ने कहा कि अगले परिसीमन के दौरान उत्तर के राज्य राजनीतिक दृष्टि से काफी ताकतवर हो जाएंगे जबकि दक्षिण के राज्यों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यदि जनसंख्या के आधार पर परिसीमन किया गया तो उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में लोकसभा की सीटें काफी बढ़ जाएंगी।
मौजूदा समय में इन चारों राज्यों में 169 सांसद हैं मगर परिसीमन के बाद इन राज्यों के सांसदों की संख्या 324 पर पहुंच जाएगी। दूसरी ओर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। मौजूदा समय में इन राज्यों में 129 लोकसभा सांसद हैं और परिसीमन के बाद उनकी संख्या बढ़कर 164 ही रहेगी। इस तरह उत्तर के राज्य दक्षिण के राज्यों से काफी ताकतवर हो जाएंगे।
जनसंख्या के आधार पर परिसीमन उचित नहीं
टीडीपी सांसद ने कहा कि उन राज्यों को भी परिसीमन का लाभ दिया जाना चाहिए जिनकी जनसंख्या में कमी आई है। केवल जनसंख्या के आधार पर लोकसभा क्षेत्रों का निर्धारण उचित नहीं होगा। संघवाद का ध्यान रखा जाना चाहिए और यह कदम संघवाद के हित में नहीं होगा।
ऐसे में केंद्र सरकार को इस कदम को लेकर पुनर्विचार करना चाहिए। हालांकि इस मुद्दे पर अभी तक भाजपा की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। एनडीए सरकार में टीडीपी की महत्वपूर्ण भूमिका है और ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा को इस मुद्दे पर टीडीपी को साधना आसान नहीं होगा।
टीडीपी ने बोला कांग्रेस पर हमला
टीडीपी नेता ने कहा कि विभिन्न विधानसभाओं की ओर से पारित किए गए विधेयकों को राज्यपाल की ओर से मंजूरी दिए जाने की समय सीमा तय की जानी चाहिए। तमाम महत्वपूर्ण विधेयक राजभवनों में लटके रहते हैं और यह उचित नहीं है। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि पार्टी ने तमाम सरकारों को गिराने का काम किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को आंध्र प्रदेश विधानसभा ने खारिज कर दिया था मगर इसके बावजूद आंध्र प्रदेश का विभाजन किया गया।
जनगणना के बाद परिसीमन की तैयारी
2024 में लोकसभा चुनाव के बाद अब अगला लोकसभा चुनाव 2019 में होने वाला है। अब अगला लोकसभा चुनाव नए परिसीमन के बाद लोकसभा की बढ़ी हुई सीटों पर कराने की तैयारी है। परिसीमन कानून के तहत 2026 तक लोकसभा की सीटें नहीं बढ़ाई जा सकतीं मगर इसके बाद जनगणना के आधार पर सीटों को बढ़ाए जाने की तैयारी है।
दक्षिण के राज्यों की ओर से इस कदम का विरोध किया जा रहा है क्योंकि उनका मानना है कि इस कदम के जरिए राजनीतिक रूप से उत्तर के राज्यों की अपेक्षा दक्षिण के राज्य कमजोर हो जाएंगे।