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Anti-Terrorism Day 2022: आतंकी घटनाओं से कई बार दहला भारत, जानिए देश के बड़े आतंकी हमलों के बारे में
Anti-Terrorism Day: 90 के दशक से ही भारत में कई बार बड़ी आतंकी घटनाएं घटित हो चुकी है, हालांकि सरकार और सेना की ओर से लगातार आतंकी घटनाओं को खत्म करने की ओर कोशिशें की जा रही हैं।
Anti-Terrorism Day 2022 : भारत बीते कुछ दशकों से आतंक (Terrorism) के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। आतंक के खिलाफ चल रहे इस लड़ाई में सुरक्षाबलों के साथ अब तक देश के बहुत से आम नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। हर साल देश में 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस (Anti-Terrorism Day) मनाया जाता है। बीते कुछ दशकों में घटित कई आतंकी घटनाओं के बाद सरकार ने आतंकवाद पर रोक लगाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं आज आतंक के सबसे प्रभावित क्षेत्रों में सरकार आतंकवाद को रोकने के लिए हर बड़े फैसले ले रही है। आइए इस राष्ट्रीय एकता और सद्भाव को बढ़ाने के दिवस पर जाने अब तक देश में कौन सी बड़ी आतंकी घटनाएं हुई है।
मुंबई ब्लास्ट 1993
1993 में मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट देश की सबसे पहली आतंकी सीरियल ब्लास्ट घटना थी। 2 मार्च 1993 को आतंकवादियों ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को निशाना बनाया और एक ही दिन करीब 12 जगहों पर सीरियल बम ब्लास्ट को अंजाम दिया। इस बड़े आतंकी घटने में करीब ढाई सौ लोगों की मौत हुई थी वही 700 से अधिक लोग गंभीर रुप से घायल हुए थे। बता दें 1993 में मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट के मुख्य आरोपी याकूब मेनन को बाद में फांसी की सजा दी गई थी। इस हमले में मुख्य आरोपी टाइगर मेनन और उसके भाई याकूब मेनन समेत चार अन्य साथी शामिल थे। याकूब को तो साल 2015 में फांसी दे दी गई मगर दाऊद इब्राहिम और टाइगर मेनन अभी भी फरार हैं।
2006 मुंबई सीरियल ब्लास्ट
साल 1993 के बाद देश की आर्थिक राजधानी मुंबई एक बार फिर एक बड़े सीरियल ब्लास्ट से दहल उठी। आतंकियों द्वारा इस बार ब्लास्ट के लिए मुंबई की लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों को निशाना बनाया गया था। 11 जुलाई 2006 को आतंकियों ने मुंबई के कई जगहों पर लोकल ट्रेनों में बम रखकर सीरियल ब्लास्ट की बड़ी घटना को अंजाम दिया इस दिन आतंकियों ने बांद्रा, बोरीवली, माटुंगा रोड, महिमा, जोगेश्वरी और खार समेत कई अन्य जगहों पर भी लोकल ट्रेनों के अंदर प्रेशर कुकर बम रखा। एक साथ इतनी जगहों पर हुए सीरियल ब्लास्ट में करीब 200 से अधिक लोग मारे गए, वहीं 800 के करीब लोग इस आतंकी घटना में गंभीर रूप से घायल भी हुए थे।
26/11 हमला
1993 और 2006 के बाद मुंबई एक बार फिर आतंकी घटना से साल 2008 में दहल उठा। 26 नवंबर 2008 को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को आतंकियों ने अपना निशाना बनाया। वह अरब सागर के रास्ते पाकिस्तान की ओर से मुंबई में दाखिल हुए और एक साथ अलग-अलग जगहों पर पहुंचकर उन्होंने एक बड़े हमले को अंजाम दिया। 26 नवंबर 2008 को मुंबई के नरीमन हाउस, सीएसटी स्टेशन, ताज होटल, और कामा हॉस्पिटल को आतंकियों ने अपना निशाना बनाया।
करीब 10 आतंकियों द्वारा मिलकर मुंबई के अलग-अलग जगहों पर किए गए इस हमले में 200 से अधिक लोगों की मौत हुई जबकि 600 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए इस हादसे में कई पुलिस जवान भी शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों द्वारा जवाबी कार्रवाई में इस हमले में शामिल कुल 9 आतंकियों को हमले के दिन ही मार दिया गया। वही इस हमले में शामिल सबसे बड़े आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया जिसे बाद में फांसी की सजा सुनाई गई बता दें यह सभी आतंकवादी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य थे।
संसद भवन पर हमला, साल 2001
महाराष्ट्र के बाद आतंकियों ने एक बार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में देश की संसद को भी निशाना बनाया था। 13 दिसंबर 2001 को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के कई आतंकवादियों ने देश के संसद भवन पर हमला किया। पाकिस्तानी आतंकी संगठनों द्वारा इस हमले में संसद में मौजूद कई सांसदों को आतंकवादियों ने बंधक बना लिया था और अपनी मांगों को मनवाने के लिए सरकार को अल्टीमेटम दिया था, हालांकि सुरक्षाबलों ने बड़ी कार्यवाही करते हुए इस हमले में शामिल सभी आतंकवादियों को मार गिराया। मगर इस हमले में कई सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए सांसद की सुरक्षा में शामिल दो कर्मियों समेत दिल्ली पुलिस के 6 पुलिस जवान इस आतंकी हमले में शहीद हो गए, वहीं संसद में काम करने वाले कई अन्य कर्मियों की भी मौत इस आतंकी घटना में हुई थी।
उरी हमला साल 2016
एलओसी को पार कर भारतीय सीमा में दाखिल होकर आतंकवादियों ने साल 2016 में एक बड़े आतंकी घटना को अंजाम दिया था। जम्मू-कश्मीर के उरी में 18 सितंबर 2016 का आतंकवादियों ने सुबह के वक्त सेना कैंप पर हमला कर दिया अचानक हुए इस हमले में सेना के 19 जवान शहीद हो गए। इस आतंकी हमले में सेना और आतंकियों के बीच करीब 6 घंटे तक मुठभेड़ चली यह आतंकी सुबह के वक्त अंधेरे का फायदा उठाकर एलओसी पार कर भारतीय सीमा के सेना कैंप में दाखिल हो गए थे। मौके पर हुए मुठभेड़ में सेना ने 4 आतंकियों को मार गिराया था। हालांकि इस कायरता भरे हमले पर भारतीय सेना ने बड़ी जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक किया था।