×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

अपना भारत/न्यूज़ट्रैक Exclusive: NDA की राह में रोड़े बिछाता रहेगा RJD

Rishi
Published on: 4 Aug 2017 3:29 PM IST
अपना भारत/न्यूज़ट्रैक Exclusive: NDA की राह में रोड़े बिछाता रहेगा RJD
X

शिशिर कुमार सिन्हा

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बदला लेने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव। 1991 में हुई एक हत्या की प्राथमिकी घुमाई जा रही है। जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव को साथ लाने के लिए साम-दाम-दंड-भेद में से कुछ नहीं छोड़ा जा रहा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से नातेदारी को प्रचारित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बयान को ट्वीट-री ट्वीट किया जा रहा है। महागठबंधन से अलग होकर राजग सरकार की सत्ता संभालने को ‘गोदी सरकार’ कहकर प्रचारित किया जा रहा है। 27 अगस्त को होने वाली राजद की रैली तक यह सब पूरी स्पीड में चलेगा, हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी पता है कि इन सबसे फिलहाल कुछ होने वाला नहीं। इसलिए, सरकार पूरे रौ में आ गई है।

राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद सरकार गिराने-बचाने के सारे दांव हार चुके हैं, लेकिन हार नहीं मान रहे हैं। जनता को बस दो संदेश देना चाह रहे - एक तो यह कि नीतीश धोखेबाज हैं और दूध के धुले नहीं हैं। दूसरा संदेश यह कि भाजपा मौकापरस्त है और गरीब-गुरबे के खिलाफ प्रपंच करती है। महागठबंधन सरकार को गिराकर भाजपा की मदद से राजग की सरकार के मुखिया बने नीतीश कुमार लगातार राजद के जुबानी हमला झेल रहे हैं। इन हमलों के बीच नीतीश ने मंत्रिमंडल गठन करते हुए विभागों का बंटवारा भी कर दिया और कड़ा संदेश देने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों का बड़े पैमाने पर तबादला भी किया।

तबादलों से नीतीश ने दो संदेश साफ करने की कोशिश की कि अब उनकी सरकार पूरे रौ में है और पहले लालू प्रसाद तबादलों को प्रभावित कर रहे थे। इसी तरह मंत्रिमंडल गठन में भाजपा की ओर से नए चेहरों को लाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह साफ किया कि सकारात्मक-नकारात्मक छवि के लोगों को दूर कर वह ऐसे लोगों को बढ़ा रहे, जिन्हें अब तक मौका नहीं मिला था।

नीतीश अलग राह पर, विपक्ष का रास्ता जुदा

नई सरकार के गठन के बाद बहुत तेजी से राजद ने जुबानी हमले का रुख भाजपा से मोडक़र नीतीश कुमार की तरफ कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छवि को तहसनहस करने का हर हथकंडा अपनाया जा रहा है। नीतीश एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2019 का भी निॢवरोध प्रधानमंत्री बताते हुए अपना ध्यान पूरी तरह प्रदेश के विकास पर देने की बात कह रहे तो दूसरी तरफ लालू प्रसाद यादव का पूरा कुनबा लगातार अपने पुराने साथी को परेशान करने में जुटा है।

कई मोर्चों पर यह हमला हो रहा है और तैयारी है कि 27 अगस्त को होने वाली राजद की रैली में भारी जनसभा के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पर ‘धोखेबाज’ की मुहर लगाकर राजद अगले चुनाव की रणनीति बनाने में जुट जाए।

दुष्प्रचार करने में भी नहीं छोड़ी कसर

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पदलोलुप करार देने में अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने अपने रिश्तेदार और सपा के सर्वेसर्वा मुलायम सिंह यादव के उस बयान को ट्वीट किया, जिसमें उनके हवाले से यह कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें प्रोजेक्ट कराने की कथित तौर पर गुहार लगाई थी।

लालू मुलायम सिंह यादव के बयान को मीडिया के बीच भी बार-बार ला रहे हैं, साथ ही यह भी दुहरा रहे कि जब-जब वह मुश्किल में पड़े तो मुख्यमंत्री बनाने या बनाए रखने के लिए राजद अध्यक्ष से मदद मांगी। लालू प्रसाद ने यहंा तक कहा कि नीतीश ने अगली पीढ़ी के नेताओं (अप्रत्यक्ष रूप से तेजस्वी यादव) से पहले एक टर्म और मुख्यमंत्री रहने देने की उनसे गुहार लगाई थी।

महीने के अंत तक तेज रहेगा जुबानी हमला

27 अगस्त को राजद की गांधी मैदान में होने वाली रैली के लिए पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है। हर रोज आ रहे बयानों में नीतीश की धोखेबाज और भाजपा की मौकापरस्त छवि दिखाने की कोशिश तेज है और रैली तक इस हमले को पराकाष्ठा तक पहुंचाने की तैयारी है। राजद नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उन बयानों के अखबारी कतरन और वीडियो क्लिप जुटा रहे हैं, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को लेकर कोई विशेष टिप्पणी की हो। राजद के एक वरिष्ठ नेता की मानें तो इसे रैली से पहले और रैली के दौरान प्रचारित किया जाएगा ताकि लोगों के बीच में राजद की योजना मुताबिक नीतीश कुमार की छवि बन सके।

नीतीश पर 1991 में दर्ज प्राथमिकी घुमा रहे लालू

महागठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार के इस्तीफे के साथ ही राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने 1991 में दर्ज एक प्राथमिकी की प्रति मीडिया के सामने रखी थी। लालू ने कहा था कि तेजस्वी पर सीबीआई ने प्राथमिकी ही दर्ज की है, लेकिन नीतीश पर तो केस चल रहा है। रातोंरात तख्तापलट के बाद दोबारा अपने साथी नीतीश कुमार को राजग का मुख्यमंत्री बना देख लालू प्रसाद इतने बौखला गए कि उन्होंने यहां तक कह डाला कि नीतीश कुमार ने हाईकोर्ट में केस दबवा रखा है। सरकार में रहते हुए वह इसके लिए लगातार प्रयासरत रहते हैं।

केस ‘दबवाने’ की नीतीश कुमार की क्षमता पर हमले के साथ लालू प्रसाद ने हाईकोर्ट की प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए। लालू प्रसाद पहले एफआईआर की कॉपी तक ही थे, लेकिन अगस्त आते-आते उन्होंने पहले कोर्ट और फिर नीतीश के शपथ पत्र की प्रति तक ट्विटर के जरिए जनता तक पहुंचाने की कोशिश की।

नाराज शरद पर डोरे डालने में नजर आ रहे कामयाब

जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव बिहार में नीतीश कुमार के महागठबंधन छोडक़र राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से जुड़ाव को स्वीकार नहीं कर रहे, इस बात की भनक लगते ही राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने शरद को हर तरह से अपने पाले में करने की कोशिश की। इस कोशिश में वह कामयाब भी होते दिख रहे हैं क्योंकि विधानसभा में नीतीश के विश्वासमत को प्रभावित करने में असफल होने के बाद भी जब शरद को राजग सरकार में केंद्रीय मंत्री का पद देने तक की बात उड़ाई गई तो उन्होंने इसे खारिज कर दिया।

लालू अपने पुराने साथी और प्रतिद्वंद्वी शरद यादव को इसी बहाने साथ लाकर यादवों के बीच एकजुटता का संदेश देना चाह रहे हैं। अगस्त के पहले हफ्ते में लालू ने शरद के साथ अपनी उस जमाने की एक तस्वीर ट्वीट करते हुए नीतीश से पूछा था कि मंडल आयोग में उनकी क्या भूमिका थी।

‘‘सरकार विरोधियों की साजिश को दरकिनार कर सही ट्रैक पर चल चुकी है। उम्मीद ही नहीं, भरोसा है कि सारी साजिशें नाकाम हो जाएंगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार को अरसे बाद एक बार फिर स्थिर और विकास-प्रेरित सरकार मिली है। जनता को इसका फायदा मिलेगा। केंद्र और राज्य में हमारी सरकार है, इसलिए हम राजग की छवि मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।’’

सुशील कुमार मोदी, उप मुख्यमंत्री, बिहार

‘‘भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा है। मेरे लिए तो जरूर है। मैं समझता हूं कि अंत तक मैंने गठबंधन धर्म का पालन किया, लेकिन जब लगा कि एक ही रास्ता बच रहा है तो मैंने उस रास्ते को पकड़ लिया। भ्रष्टाचार के साथ चलते हुए अपनी छवि खराब होते देखना संभव नहीं था। इसलिए, अब विरोधी क्या प्रचारित कर रहे, कोई अंतर नहीं पड़ता। कोर्ट में विचाराधीन मामलों पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। इन बातों की जानकारी शपथ पत्र में भी है, जिसे अब बेकार उखाड़ा जा रहा है।’’

नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

‘‘वाह रे इंसाफ! जिसपर एक एफआईआर दर्ज हो, उसे बर्खास्त करने की बात कह रहे थे और खुद पर केस चल रहा और उसे दबाते रह रहे तो कोई बात नहीं। नैतिकता है तो खुद भी मुख्यमंत्री पद पर छोड़ दें नीतीश कुमार।’’

लालू प्रसाद यादव, अध्यक्ष, राष्ट्रीय जनता दल



\
Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story