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...तो क्या अब अर्नब गोस्वामी नहीं बोलेंगे 'Nation Wants to Know'?

aman
By aman
Published on: 18 April 2017 5:50 AM GMT
...तो क्या अब अर्नब गोस्वामी नहीं बोलेंगे Nation Wants to Know?
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...तो क्या अब अर्नब गोस्वामी नहीं बोलेंगे 'India Wants to Know'?

लखनऊ: अंग्रेजी मीडिया की चर्चित शख्सियत अर्नब गोस्वामी को एक मीडिया समूह ने अंग्रेजी का एक मुहावरा इस्तेमाल ना करने की धमकी दी है। बता दें, कि अर्नब गोस्वामी जब न्यूज चैनल 'टाइम्स नाउ' में थे, तो इस चैनल पर उनका सबसे पसंदीदा वाक्य था ‘नेशन वांट्स टु नो’। अर्नब अपने बहुचर्चित शो ‘द न्यूज ऑवर’ में इस लाइन का कई बार इस्तेमाल करते थे।

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दरअसल, ये लाइन अर्नब की पहचान के साथ जुड़ गया था। लेकिन अब अर्नब गोस्वामी के ही मुताबिक एक मीडिया समूह ने कानूनी नोटिस भेजकर अर्नब उन्हें धमकी दी है कि वे इस लाइन का इस्तेमाल ना करें। नहीं तो उनके ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें जेल भिजवा दिया जाएगा।

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जानें अर्नब ने क्या कहा ऑडियो मैसेज में?

अर्नब गोस्वामी ने सोशल मीडिया पर एक ऑडियो मैसेज के जरिए इस बात का खुलासा किया। इस ऑडियो मैसेज में अर्नब ने कहा, कि 'जेल भेजने की धमकी से मैं रुकने वाला नहीं हूं, अपने पैसे भरे बैग और वकीलों को ले आओ, मेरे खिलाफ ‘नेशन वांट्स टु नो’ का इस्तेमाल करने के लिए आपराधिक मुकदमा दर्ज कर दो। तुम जो चाहो वो कर सकते हो। तुम्हारे पास जितना भी पैसा है, खर्च कर लो और मुझे गिरफ्तार करवा दो। मैं अभी अपने स्टुडियो में इंतजार कर रहा हूं, आओ अपनी धमकी पर अमल कर लो।'

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बताया 'नेशन वांट्स टु नो' किसका है

इस ऑडियो मैसेज में अर्नब ने बताया है कि आखिर 'नेशन वांट्स टु नो' मुहावरा किसका है। अर्नब कहते हैं, कि दर्शकों ये मुहावरा ‘नेशन वांटस टु नो’ आपका है, आपसे जुड़ा है। ये बताता है कि हम क्या करते हैं, कौन से मुद्दे उठाते हैं, कौन सा सवाल उठाते हैं और कैसे जवाबदेही तय करते हैं।

20 साल से कर रहे इस मुहावरे का इस्तेमाल

अर्नब की मानें, तो वह पिछले 20 साल से अपने रिपोर्टिंग और डिबेट शो में इस मुहावरे का गर्व के साथ प्रयोग करते रहे हैं। अर्नब गोस्वामी कहते हैं कि वे उन लोगों के आभारी हैं जिन्होंने उनकी पत्रकारिता को जनहित का प्रतिनिधित्व करने के लायक समझा।

आगे की स्लाइड में पढ़ें अर्नब गोस्वामी का लेटर ...

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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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