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Article 370 Abrogation: अनुच्छेद 370 पर 2 अगस्त से रेगुलर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
Article 370 Abrogation:चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हम इन याचिकाओं पर 2 अगस्त से सुबह साढ़े 10 बजे से सुनवाई करेंगे।
Article 370 Abrogation: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति का मुद्दा एकबार फिर से सुर्खियों में लौट आया है। सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को चुनौती देने वाली 20 से अधिक याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि इस मामले से जुड़ी याचिकाओं पर अगले महीने यानी दो अगस्त से रेगुलर सुनवाई होगी।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हम इन याचिकाओं पर 2 अगस्त से सुबह साढ़े 10 बजे से सुनवाई करेंगे। हम 370 पर सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर हर दिन सुनवाई करेंगे। अदालत ने आगे कहा कि अगर इस मामले में कोई और भी बात जोड़नी हो तो उसे जुलाई के आखिरी हफ्ते तक जोड़ लिया जाए और इसकी कॉपी सभी वकीलों को सौंप दी जाए।
पांच जजों की संविधान पीठ कर रही सुनवाई
अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर पांच जजों की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है। जिसकी अध्यक्षता चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे हैं। पीठ में शामिल अन्य चार जजों में जस्टिस किशन कौल, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल हैं।
मालूम हो कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाते हुए विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था। इसके बाद जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। केंद्र के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 20 से अधिक याचिकाएं दाखिल हुईं, जिसपर अक्टबूर 2020 से संविधान पीठ सुनवाई कर रही है।
केंद्र सरकार ने दिया था हलफनामा
सुनवाई से एक दिन पहले कल यानी सोमवार 10 जुलाई को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर आर्टिकल 370 को समाप्त करने के फैसले का बचाव किया था। केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में दावा किया कि इस फैसले के बाद से राज्य में अमन-चैन कायम हुआ है। पत्थरबाजी की घटना पूरी तरह बंद हो गई है। जम्मू कश्मीर में विकास से जुड़े कार्य तेजी से हो रहे हैं। घाटी में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। दिसंबर 2022 तक 1.88 करोड़ पर्यटक आए।
कश्मीर में सफलतापूर्वक जी20 का आयोजन घाटी में पर्यटन के विकास और गति देगा। सरकार ने दावा किया कि विशेष दर्जे की समाप्ति के बाद से क्षेत्र के निवासी देश के अन्य हिस्सों में नागरिकों के लिए उपलब्ध अधिकारों का आनंद ले रहे हैं। राज्य में आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई हुई है। आतंकवादियों के भर्ती अभियान में बड़े पैमाने पर गिरावट आई है।
बता दें कि केंद्र के इस हलफनामे का पीडीपी और सीपीएम जैसी पार्टियों ने विरोध किया है। उन्होंने इसमें सरकार द्वारा किए गए दावों पर सवाल खड़े किए हैं।