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परत-दर-परत खुल रहे घोटाले, पटना में लालू परिवार के न जानें कितने ‘व्हाइट हाउस’
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद भारी मुसीबत में घिर गए हैं। बेटे तेज प्रताप यादव ने दुश्मन मारक जाप भी कराया, लेकिन न तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को चुप करा सके और न ही आयकर विभाग को ही शांत करा सके। आने वाले समय में यह ‘दुश्मन मारक’ किस रूप में सामने आएगा, यह अभी नहीं कहा जा सकता, लेकिन फिलहाल यह तय है कि लालू का पूरा कुनबा बुरी तरह घिर गया है। कितनी संपत्ति को अपना बताएंगे और हिसाब कहां से लाएंगे, यह सबसे बड़ा सवाल है। और, इसी के साथ एक बड़ा सवाल यह भी कि पटना में कहीं बहुत सारे ‘व्हाइट हाउस’ तो नहीं निकल आएंगे।
शिशिर कुमार सिन्हा
पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद भारी मुसीबत में घिर गए हैं। बेटे तेज प्रताप यादव ने दुश्मन मारक जाप भी कराया, लेकिन न तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को चुप करा सके और न ही आयकर विभाग को ही शांत करा सके। आने वाले समय में यह ‘दुश्मन मारक’ किस रूप में सामने आएगा, यह अभी नहीं कहा जा सकता, लेकिन फिलहाल यह तय है कि लालू का पूरा कुनबा बुरी तरह घिर गया है। कितनी संपत्ति को अपना बताएंगे और हिसाब कहां से लाएंगे, यह सबसे बड़ा सवाल है। और, इसी के साथ एक बड़ा सवाल यह भी कि पटना में कहीं बहुत सारे ‘व्हाइट हाउस’ तो नहीं निकल आएंगे।
कई व्हाइट हाउस के खुलासे
अमेरिकी राष्ट्रपति के व्हाइट हाउस को पूरी दुनिया जानती है, तो पटना संग्रहालय के सामने स्थित व्हाइट हाउस को जानने वाले कम नहीं। बहुत सारे लोग भूल गए होंगे, लेकिन पटना, बिहार और लालू प्रसाद से वास्ता रखने वाले इस व्हाइट हाउस को नहीं भूल सकते। 1990 के दशक में इस शानदार बिल्डिंग को खड़ा होते देख सिर्फ मालिक के रूप में सिर्फ एक ही नाम सामने आ रहा था, लेकिन जांच शुरू हुई तो उस नाम ने इसे अपनाने से इनकार कर दिया।
कोई मालिक नहीं मिला तो 1997 से यह हाईकोर्ट के पास आ गया और फिर राज्य विधिक सेवा प्राधिकार से लेकर कई ऐसे दफ्तरों व कामकाज के इस्तेमाल में आ रहा है। आज एक बार फिर सवाल उठ रहा है कि क्या इस बार भी ऐसे कई व्हाइट हाउस सामने आएंगे? एक तरफ बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी के खुलासे तो दूसरी तरफ आयकर की कार्रवाई- कितनी संपत्ति को लालू कुनबा अपना बताएगा, बताएगा तो हिसाब क्या दे पाएगा और नहीं मानेगा अपना तो क्या होगा?
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लालू की 165 करोड़ की 14 बेनामी संपत्ति जब्त
बीते मई में 22 ठिकानों पर छापे की खबरों के बाद लालू प्रसाद बार-बार कह रहे थे कि अगर आयकर की कार्रवाई में सच्चाई है तो वह इसकी जानकारी दे। अब आयकर विभाग ने लालू परिवार की 165 करोड़ की 14 बेनामी संपत्ति जब्त करते हुए हजार करोड़ रुपए के बेनामी सौदों की सूची जारी कर एक झटके में पूरा सीन साफ कर दिया है। हजार करोड़ की बेनामी संपत्ति की जांच के दौरान लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती और उनके पति शैलेश के पालम (दिल्ली) स्थित एक फार्म हाउस, बेटे तेजस्वी यादव, बेटियों चंदा और रागिनी यादव के बताए जा रहे न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित एक बंगले के साथ पटना के दानापुर स्थित जलालपुर में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के बताए जा रहे नौ और तीन प्लॉट्स को मिलाकर कुल 14 अचल संपत्तियों के मामले में आयकर ने जब्ती की कार्रवाई की है।
मीसा और शैलेश जिस प्रॉपर्टी के मालिक बताए जा रहे, वह मिशैल पैकर्स एंड प्रिंटर्स के नाम पर है। 40 करोड़ के इस फार्म हाउस को दस्तावेजों में महज 1.4 करोड़ का बताया जा रहा है। इसी तरह न्यू फ्रेड्स कॉलोनी दिल्ली में इतनी ही कीमत के बंगले को महज पांच करोड़ रुपए का बताया जा रहा है।
मार्केट वैल्यू 165 करोड़, कागज पर 9.9 करोड़
यह बंगला एबी एक्सपोटर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर है। पटना के जलालपुर में डिलाइट मार्केभटग और एके इन्फोसिस्टम को मिलाकर कुल 12 प्लॉट हैं, जिनकी मार्केट वैल्यू 85 करोड़ आंकी गई है जबकि कागजातों में इसे महज साढ़े तीन करोड़ का दिखाया गया है। यानी, कुल जिन अचल संपत्तियों की मार्केट वैल्यू 165 करोड़ है, उसका डीड वैल्यू महज 9.9 करोड़ दिखाया गया। आयकर विभाग ने इसे अभी अस्थायी जब्ती पर रखा है। अब संपत्ति का असली मालिक कौन है, उसे यह कैसे हासिल है, हासिल हुआ तो वास्तविक मूल्य से इतनी कम कीमत में कैसे, इतनी कम कीमत में भी मिला तो इसका भुगतान कैसे हुआ...जैसे दर्जनभर सीधे सवालों का सीधा जवाब देकर ही इसकी वापसी हो सकती है, वरना इसे स्थायी रूप से जब्त करते हुए दोषियों को सात साल की सश्रम कारावास तक की सजा के लिए तैयार रहना होगा।
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फ्रंटफुट पर खेल रहे दुश्मन नंबर वन सुशील मोदी
लालू के बड़े बेटे और स्वास्थ्य मंत्री जिनके लिए मुख्य रूप से ‘दुश्मन मारक’ जाप करा रहे थे, उन्होंने आयकर इसी ताजा कार्रवाई के बाद कहा कि अभी तो आयकर ने महज चार कंपनियों पर कार्रवाई की है। ऐसी आधा दर्जन कंपनियां तो अभी बची हैं। साथ ही नौकरी या पद देने के बदले ली गई जमीन के दर्जनों मामले की जांच तो शायद शुरू ही नहीं हुई है।
राबड़ी के नाम से 20 करोड़ के 18 फ्लैट्स
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मामले में कोई उम्मीद नहीं बताते हुए ‘सुमो’ ने 15 जुलाई तक अपने सारे आरोपों से जुड़े दस्तावेजों को आयकर और अन्य संबंधित जांच एजेंसियों के पास जमा कराने की बात कही है। उन्होंने कहा कि रेलवे में नौकरी देने के बदले लालू प्रसाद ने पत्नी के नाम राबड़ी देवी के नाम से कई जगह जमीन लिखवाई। मोदी ने पटना में राबड़ी के नाम से 20 करोड़ के 18 फ्लैट्स होने का दावा करते हुए कहा कि पटना के जलालपुर और शेखपुरा में जिन जमीन पर फ्लैट्स का निर्माण किया गया, वह उन लोगों से लिखवाई गई, जिन्हें या तो रेलवे में नौकरी दी गई या फिर उनकी मदद की गई। रेलवे में नौकरी या मदद का प्रमाण है और यह सब कुछ लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते होने के कारण उनका जांच के दायरे में आना अस्वाभाविक नहीं है।
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क्या कहा राजद के मुख्य प्रवक्ता ने?
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मुख्य प्रवक्ता मनोज झा ने कहा, ‘यह राजनीतिक प्रतिशोध और दबाव की स्थितियां हैं। ज्यादातर मामले अफवाह हैं और जबरन छवि खराब करने की साजिश है। आयकर नोटिस पर लीगल टीम को विचार रखना है। यह प्रक्रिया चल रही है। फिलहाल इससे ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता है।’
बीजेपी नेता का क्या कहना है?
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि ‘यह सिर्फ लालू परिवार के साथ ही हो सकता है, किसी और के साथ नहीं कि दिल्ली के पॉश इलाके में 8000 वर्गफीट के प्लॉट पर चार मंजिला आलीशान मकान बनाकर यूं ही कोई दे दे। ऐसे दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सोचना चाहिए कि उन्हें ऐसे लोगों का साथ कब तक देना है।’
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