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अरुण जेटली ने दिए संकेत- रेल बजट नहीं होगा लोकलुभावन, बढ़ सकते हैं किराए!

aman
By aman
Published on: 20 Dec 2016 5:54 PM IST
अरुण जेटली ने दिए संकेत- रेल बजट नहीं होगा लोकलुभावन, बढ़ सकते हैं किराए!
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वित्त मंत्री ने बताया- 30 जून की आधी रात चलेगा संसद सत्र, राष्ट्रपति करेंगे लॉन्च GST

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को रेलवे के रोडमैप पर चर्चा संकेत दिया कि इस बार का रेल बजट लोकलुभावन नहीं होगा। साथ ही नई घोषणाएं भी नहीं की जाएंगी। ये बातें अरुण जेटली ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की ओर से आयोजित भारतीय रेल में लेखा सुधारों पर राष्ट्रीय सम्मेलन में कही।

गौरतलब है कि फ़रवरी के पहले हफ्ते में वित्त मंत्री आम बजट पेश करेंगे। देश के इतिहास में कई साल बाद ऐसा मौका देखने को मिलेगा आएगा जब रेल बजट आम बजट के साथ ही पेश होगा।

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लोकलुभावन नहीं होगा अगला बजट

अरुण जेटली ने संबोधन में कहा, कि केंद्र सरकार बजट में इस बार लोकलुभावन उपायों से बचने का प्रयास करेगी। रेलवे स्टेशन के बुनियादी ढांचे में सुधार आदि पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। जेटली बोले, 'वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए रेलवे परिसंपत्तियों के जरिए पैसे की कमाई, ट्रेन आतिथ्य को आउटसोर्स करना है। लेकिन सबसे जरूरी बात यह है कि रेलवे यात्रियों से अपील करेगा कि वो मिलने वाली सुविधाओं का भुगतान करें।'

गौरतलब है कि मौजूदा वक्त में रेलवे को यात्री टिकट पर यात्रा की लागत के रूप में सिर्फ 57 फीसदी रकम प्राप्त होती है। यानी अगर रेलवे यात्रा की लागत पर 100 रुपए खर्च होते हैं तो उसे यात्रियों की तरफ से सिर्फ 57 रुपए ही मिलते हैं। यानी बाकी रकम पर सरकार सब्सिडी देती है।

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लोकलुभावनवाद को समझाया

सीआईआई की ओर से आयोजित भारतीय रेल में लेखा सुधारों पर राष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए अरुण जेटली ने कहा कि 'दुनियाभर में वही संगठन सफल है जहां वित्तीय मॉडल का अनुसरण किया जाता है और जहां लोग हर उस सुविधा के लिए भुगतान करते हैं जिसका वो इस्तेमाल करते हैं।' उन्होंने कहा कि 'लोकलुभावनवाद कहता है कि लोग उस सुविधा के लिए भुगतान न करें जिसका वो इस्तेमाल करते हैं लेकिन इस सिद्धांत के आधार पर परिवहन के बड़े संचालक काम नहीं कर सकते हैं।

आउटसोर्सिंग पर जोर

वित्त मंत्री का कहना है कि 'रेलवे का कोर फंक्शन ट्रेन चलाना और सुविधाएं देना है। हॉस्पिटैलिटी सेक्टर रेलवे का प्रमुख काम नहीं है। ऐसे में इस तरह की गतिविधियों के लिए आउटसोर्सिंग को अपनाया जाना चाहिए। दुनियाभर में आउटसोर्सिंग का यह सिद्धांत चलन में है।'

कैश सिस्टम हो कलेक्शन में तब्दील

अरुण जेटली ने यह भी कहा कि 'रेलवे की योजना कैश सिस्टम से कलेक्शन सिस्टम में तब्दील होने की है। ऐसे में अकाउंटिंग रिफॉर्म परफॉर्मेन्स को बेहतर तरीके से दिखाएंगे।'

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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