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जेटली बोले- कांग्रेस अध्यक्ष प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रीय सुरक्षा का पाठ पढ़ें

aman
By aman
Published on: 9 Feb 2018 5:52 AM GMT
जेटली बोले- कांग्रेस अध्यक्ष प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रीय सुरक्षा का पाठ पढ़ें
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जेटली बोले- कांग्रेस अध्यक्ष प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रीय सुरक्षा का पाठ पढ़ें

नई दिल्ली: राफेल विमान सौदे को लेकर मोदी सरकार की घेरेबंदी में जुटी कांग्रेस को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यूपीए सरकार के दो रक्षा मंत्रियों के बयानों को आधार बनाते हुए जवाब दिया है। उन्होंने 2005 में तत्कालीन रक्षा मंत्री प्रणब मुखर्जी और 2007 में तत्कालीन रक्षा मंत्री ए.के.एंटोनी के बयानों का हवाला देते हुए कांग्रेस पर हमला किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस राफेल डील को मुद्दा बनाकर देश की सुरक्षा के साथ समझौता कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रीय सुरक्षा का पाठ पढ़ना चाहिए।

मुखर्जी-एंटनी ने नहीं दिया था ब्योरा

जेटली ने लोकसभा में कहा, कि यूपीए सरकार पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगे। मोदी सरकार पर अभी तक भ्रष्टाचार का कोई मामला नहीं बन सका। इस कारण कांग्रेस राफेल मुद्दे के जरिये एनडीए सरकार को बदनाम करने की कोशिश में जुटी हुई है। जब कांग्रेस को कुछ नहीं मिला तो वह कहने लगी राफेल डील की कीमत बता दीजिए। जेटली ने सदन में दस्तावेज रखते हुए कहा, कि 14 दिसंबर 2005 को मैंने अमेरिका से खरीदे गए फाइटिंग वेपन सिस्टम की डिटेल और कॉस्ट पूछी थी। इस पर तत्कालीन रक्षा मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि आर्म्स और वेपन सिस्टम पर किए गए खर्च की डिटेल गोपनीय होती है और राष्ट्रहित में इसका खुलासा नहीं किया जा सकता। ऐसा ही जवाब 2007 में उस समय के रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी ने दिया था।

15 बार मिला ऐसा ही जवाब

जेटली ने कहा, कि अपने कार्यकाल में इस तरह के जवाब देने वाली कांग्रेस अब हमसे राफेल सौदे पर सवाल पूछ रही है। यह जिम्मेदार सरकार है और यह भारत की सुरक्षा के हित में उस कीमत का खुलासा न किया जाए। जब आप प्राइस का ब्योरा बताते हैं तो आप उस वेपन सिस्टम की डिटेल दे रहे होते हैं और उसकी क्षमता के बारे में बता रहे होते हैं, जो आप दुश्मन को नहीं बताना चाहते। यूपीए सरकार के समय हमें 15 बार ऐसे जवाब मिले, जब हथियारों की खरीद की डिटेल बताने को राष्ट्रहित में नहीं बताया गया। उन्होंने पूर्व कानून मंत्री वीरप्पा मोइली से कहा कि वे अपने अध्यक्ष राहुल गांधी कहें कि वे प्रणब मुखर्जी के पास जाएं और राष्ट्रीय सुरक्षा का पाठ पढ़ें।

मोदी सरकार पर दाग नहीं

वित्त मंत्री ने कहा, कि नरेन्द्र मोदी पिछले 4 साल से एक साफ सरकार चला रहे हैं। यही कारण है कि कांग्रेस समस्या खड़ी करने की कोशिश कर रही है। राफेल डील का मुद्दा ऐसा ही मुद्दा है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि राफेल डील को जनता के बीच मुद्दा बनाकर कांग्रेस नेता भारत की सुरक्षा के साथ गंभीर समझौता कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने कहा- राफेल सौदे में गड़बड़

वित्त मंत्री के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जेटली ने मेरा नाम लिया, लेकिन मुझे जवाब देने का मौका नहीं मिला। मोदी सरकार पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मेरे सवालों का जवाब इसलिए नहीं दे रहे क्योंकि इसमें कुछ तो गड़बड़ है। हमने तीन सवाल पूछे हैं मगर पीएम ने किसी का जवाब नहीं दिया। पहले सरकार ने कुछ कहा था और अब कुछ और कह रही है। प्रधानमंत्री मूलभूत सवालों का जवाब देने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। पहले रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वे देश को राफेल एयरक्राफ्ट की खरीद की जानकारी देंगी और अब वे कह रही हैं कि नहीं बता सकती हैं, क्योंकि ये गोपनीय है। इन दोनों में से उनका कौन सा बयान सही है।

क्या है राफेल डील?

भारत को 2019 के अंत तक फ्रांस से 36 राफेल लडाकू विमान मिलने हैं। सितंबर 2016 में 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद को लेकर भारत और फ्रांस ने करार पर हस्ताक्षर किए थे। राफेल फ्रांस की डेसाल्ट कंपनी द्वारा बनाया गया 2 इंजन वाला फाइटर जेट है। यह एक मिनट में 60,000 फीट की ऊंचाई तक पहुंच सकता है। इसकी रेंज 3,700 किलोमीटर है। साथ ही यह 2,200 से 2,500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। सबसे खास बात ये है कि इसमें मॉडर्न ‘मिटिअर’ मिसाइल और इजराइली सिस्टम भी है। कांग्रेस समेत विपक्ष के कई दल लगातार फ्रांस के साथ हुए इस करार को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। कांग्रेस लगातार 36 विमानों की कीमत को लेकर सवाल उठा रही है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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