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Freebies: मुफ्तखोरी को बढ़ावा देने के आरोप पर केजरीवाल का पलटवार, केंद्र सरकार से मांगा पैसों का हिसाब
Freebies: दिल्ली के सीएम और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से जनता को मिल रही मुफ्त की सुविधाओं का विरोध किया जा रहा है।
Freebies: बीते दिनों उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे (Bundelkhand Expressway) के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने देश में 'रेवड़ी कल्चर' को बढ़ावा देने को लेकर विरोधी पार्टियों की आलोचना की थी। प्रधानमंत्री का इशारा दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की ओर था। इसके बाद से मुफ्तखोरी पर घमासान छिड़ा हुआ है।
दिल्ली के सीएम और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने पीएम मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से जनता को मिल रही मुफ्त की सुविधाओं का विरोध किया जा रहा है। ऐसी योजनाओं को बंद करने की मांग की जा रही है। केजरीवाल ने कहा कि अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) लाने के पीछे की वजह जवानों के पेंशन पर खत्म होने वाली भारी भरकर रकम को बताया गया। आज तक देश की किसी सरकार ने ऐसी बात नहीं कही थी।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) लाने से इनकार कर दिया है। इतना ही नहीं केंद्र ने मनरेगा (MANREGA) को आवंटित होने वाली राशि में भी 25 प्रतिशत की कटौती कर दी है। दिल्ली सीएम ने सवालिया लहजे में कहा, क्या केंद्र सरकार की आर्थिक हालत अधिक खराब तो नहीं हो गई हैं ? अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज देश के लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। सरकार ने गरीब के खाने पर तो टैक्स लगा दिया लेकिन बड़े व्यापारियों को 5 लाख करोड़ रूपये का कर्ज माफ कर दिया।
केजरीवाल ने केंद्र स पूछे तीखे सवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का बजट 40 लाख करोड़ रूपये का है। लेकिन ये पैसा कहां जाता है किसी को नहीं पता। उन्होंने कहा कि अगर मोदी सरकार अपने सुपर अमीर दोस्तों के लाखों –करोड़ों रूपये के कर्ज माफ नहीं करती, तो सरकार को खाने – पीने के सामानों पर टैक्स नहीं लगाना पड़ता। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को पेट्रोल-डीजल (price of petrol and diesel) की बिक्री से हुए 3 लाख करोड़ रूपये की आमदनी का हिसाब मांगा। केजरीवाल ने कहा कि यदि सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया जाएगा और मुफ्त इलाज की सुविधा समाप्त कर दी जाएगी तो गरीब क्या करेंगे। वे कहां से पैसा लाएंगे ?
सुप्रीम कोर्ट में मुफ्तखोरी पर हुई सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चुनाव में फ्री स्कीम्स के वादों पर रोक लगाने की मां वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि मुफ्त चुनावी वादे और सोशल वेलफेयर स्कीम में अंतर है। चुनाव में घोषणा के समय राजनीतिक दल ये नहीं सोचते कि पैसा कहां से आएगा। कोर्ट ने इस मामले में आम आदमी पार्टी को भी पक्षकार बना लिया है। इस मामले पर अगली सुनवाई अब 17 अगस्त को होगी।