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MCD चुनाव में हार के बाद कम नहीं हो रही केजरीवाल की परेशानियां, लग सकते हैं और झटके
नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में शिकस्त के बाद जैसे लगता है सीएम अरविंद केजरीवाल की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बुधवार शाम को पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रेसिडेंट दिलीप पांडे ने इस्तीफा दे दिया और अब गुरुवार (27 अप्रैल) को कई अन्य नेताओं ने भी इस्तीफे सौंप दिए। बावजूद इसके एक नई समस्या दूर खड़े उन्हें मुंह चिढ़ा रही है। यह मामला है आप के 21 विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने की याचिका का।
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उल्लेखनीय है, कि आम आदमी पार्टी (आप) के 21 विधायकों को अयोग्य करने की याचिका पर चुनाव आयोग अपना रुख स्पष्ट करने की तैयारी में है। आयोग के सूत्रों की मानें तो वह 15 मई तक इस मामले में अपना पक्ष रख देगा। केजरीवाल के लिए मुश्किलें तब होगी जब चुनाव आयोग उनके खिलाफ जाकर आप के सभी 21 विधायकों को अयोग्य करने की सिफारिश कर देगा।
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संजय सिंह ने भी दिया इस्तीफा
एमसीडी चुनाव में हार के बाद अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी और पंजाब प्रभारी रहे संजय सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके पास पंजाब चुनावों की जिम्मेदारी थी। उनके अलावा दिल्ली प्रदेश के प्रभारी आशीष तलवार ने भी एमसीडी चुनाव में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया। इस बीच पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपने आवास पर दिल्ली के सभी विधायकों की मीटिंग बुलाई है।
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अयोग्य घोषित करने पर क्या होगी स्थिति
जानकार मानते हैं कि यदि चुनाव आयोग आप के इन 21 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश कर देता है, तो ऐसी स्थिति में केजरीवाल को एक और चुनाव से गुजरना पड़ेगा। हालांकि, इस चुनाव से अलावा भी अरविंद केजरीवाल के पास बहुमत होगा। लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए भविष्य में उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है।
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ईवीएम विवाद के कारण हुई देर
गौरतलब है, कि आप के 21 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की याचिका दाखिल की गई है। विधायकों पर कानून का उल्लंघन कर 'लाभ का पद' लेने का आरोप है। अब तक आयोग इस मामले में राष्ट्रपति को अपने रुख से अवगत करा चुका होता, लेकिन ईवीएम विवाद के कारण इस प्रक्रिया में देर हो गई।
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