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Owaisi challenges Rahul Gandhi: ओवैसी ने राहुल गांधी को दे दी चुनौती, वायनाड के बजाय हैदराबाद से लड़कर दिखाएं
Owaisi challenges Rahul Gandhi: ओवैसी खुद हैदराबाद से सांसद हैं और ये इलाका उनका मजबूत गढ़ माना जाता है। वहीं, राहुल गांधी 2019 में अमेठी के साथ-साथ वायनाड से चुनाव लड़े थे।
Owaisi challenges Rahul Gandhi: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला है। ओवैसी ने राहुल को केरल की वायनाड सीट की बजाय तेलंगाना की हैदराबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की चुनौती दी है। ओवैसी खुद हैदराबाद से सांसद हैं और ये इलाका उनका मजबूत गढ़ माना जाता है। वहीं, राहुल गांधी 2019 में अमेठी के साथ-साथ वायनाड से चुनाव लड़े थे। जहां अमेठी से उन्हें पहली बार शिकस्त का सामना करना पड़ा था, वहीं वायनाड से उन्हीं जीत मिली थी।
रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए एआईएमआईएम चीफ ने राहुल से कहा, वायनाड छोड़िए, शेरवानी - काली टोपी वाले से मुकाबला कीजिए। दरअसल, पिछले दिनों हैदराबाद में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान राहुल गांधी ने एआईएमआईएम पर बीजेपी का साथ देने का आरोप लगाया था। तब कांग्रेस सांसद ने कहा था कि तेलंगाना में हमारी लड़ाई सत्तारूढ़ बीआरएस के साथ-साथ भाजपा और एआईएमआईएम के खिलाफ भी है।
राहुल के बयान पर ओवैसी का पलटवार
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इसी बयान पर हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है। उन्होंने अपने पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा, कांग्रेस बड़ी-बड़ी बातें करती हैं। यही कांग्रेस थी जब बाबरी मस्जिद और सचिवालय की मस्जिद गिराई गई थी। इसके आगे ओवैसी ने राहुल गांधी को चुनौती देते हुए कहा कि जमीन पर आइए, मुझसे मुकाबला करिए। मैं तैयार हूं। दो-दो हाथ करेंगे। मजा आएगा।
कांग्रेस का ओवैसी को जवाब
असदुद्दीन ओवैसी के राहुल गांधी को हैदराबाद से चुनाव लड़ने की चुनौती देने पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, ओवैसी को किसी नॉन-मुस्लिम सीट से लड़के दिखाना चाहिए। वो खुद को हिंदुस्तान का बड़ा नेता समझते हैं, हैदराबाद के बाहर एआईएमआईएम का कोई वजूद नहीं है। कांग्रेस नेता ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी के उम्मीदवारों का चयन बीजेपी करती है। राहुल गांधी की लोकप्रियता जहां 28-30 प्रतिशत है, वहीं ओवैसी 2.5 प्रतिशत पर भी आ जाएं तो बड़ी बात है।
तेलंगाना में होने हैं विधानसभा चुनाव
इस साल के आखिरी में दक्षिणी राज्य तेलंगाना में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां मुख्यमंत्री केसीआर की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) बीते 10 सालों से सत्ता में है। उसे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का समर्थन भी प्राप्त है। बात करें 2018 के विधानसभा चुनाव परिणाम की तो 119 सीटों वाली तेलंगाना विधानसभा में बीआरएस को 88, कांग्रेस को 19, एआईएमआईएम को 7, टीडीपी को 2, बीजेपी-एआईएफबी को एक-एक सीट पर जीत हासिल हुई थी। वहीं, एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी। राज्य में लोकसभा की 17 सीटें हैं, जिनमें 9 बीआरएस के पास, 4 बीजेपी के पास, तीन कांग्रेस के पास और एक एमआईएम के पास है।
कुछ समय पहले तक राज्य में बीजेपी दूसरे नंबर की खिलाड़ी लग रही थी। लेकिन कर्नाटक में मिली बड़ी जीत के बाद तेलंगाना कांग्रेस में जान आ गई और पार्टी ने जबरदस्त कमबैक किया है। सियासी जानकार मानते हैं कि विधानसभा चुनाव में असली लड़ाई सत्तारूढ़ बीआरएस और कांग्रेस के बीच होनी है। इसलिए हाल के दिनों बीआरएस और उसकी सहयोगी एआईएमआईएम नेताओं की कांग्रेस से जुबानी जंग तेज हो गई है।