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लॉकडाउन बना मोक्ष प्राप्ति में बाधा, घाट के लॉकर में रखीं अस्थियां

देश में लॉकडाउन के चलते श्मशान घाट में आने वालों की संख्या में भी कमी आई है। इसके अलावा लोगों के दिवंगतों की अस्थियाँ अभी तक घाट के लॉकर में ही रखीं हैं।

Aradhya Tripathi
Published on: 30 April 2020 10:57 AM GMT
लॉकडाउन बना मोक्ष प्राप्ति में बाधा, घाट के लॉकर में रखीं अस्थियां
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लखनऊ: पूरा देश इस समय कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रहा है। देश में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मरीजों को देखते हुए सरकार ने पूरे देश में 3 मई तक लॉकडाउन लागू कर रखा है। ऐसे में देश में सारी सेवायें और सुविधाएं बाधित हैं कहीं भी आने जाने पर रोक लगी है। ऐसे में लॉकडाउन के दौरान लोगों के करीबियों के अंतिम संस्कार की रीतियों में काफी बदलाव आया है। कहीं भी जानी की रोक के चलते लोगों ने अपने दिवंगत प्रियजनों की अस्थियां एक शमशान घाट के लॉकर में रखवा दी हैं ताकि स्थिति सामान्य होने के बाद वह उसे नदियों में प्रवाहित कर सकें।

श्मशान घाट के लॉकर में रखीं अस्थियां

देश में लागू लॉकडाउन के चलते हर चीज में बदलाव देखने को मिल रहा है। ऐसे में श्मशान घाट में आने वालों की संख्या में भी कमी आई है। इसके साथ ही जो लोग आए हैं उनके भी दिवंगतों की अस्थियाँ अभी तक घाट के लॉकर में ही रखीं हैं। ऐसे में लखनऊ के बैकुंठ धाम में लॉकर्स के केयरटेकर अरविंद ने ने बताय कि इससे पहले ये लॉकर इतने कभी नहीं भरे। अरविंद ने ने बताय कि 'हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार, राख को सीधे गंगा नदी में विसर्जन के लिए ले जाना चाहिए। लेकिन लॉकडाउन के कारण लोग कहीं आने जाने में अक्षम हैं, कुछ गया में जाते हैं, कुछ प्रयाग जाते हैं जबकि कुछ अयोध्या जाते हैं।

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यहां के लॉकर जो कभी भरे नहीं रहते थे वहां 150 से 200 अस्थि कलश रखे हुए हैं। अरविन्द ने जानकारी देते हुए बताया कि दाह संस्कार के लिए शवों की संख्या में कमी दर्ज की गई है। अरविन्द ने कहा कि हमारे पास इन लॉकरों के अलावा 'अस्थि-कलश' को सुरक्षित करने के लिए जगह नहीं है। जो लोग अनुमति ले पाते हैं वे विसर्जन के लिए राख ले जाते हैं, लेकिन ऐसे लोग बहुत कम हैं।

लॉकडाउन के बाद ही मिलेगा मोक्ष

वहीं घाट पर मौजूद लकड़ी के स्टोर के बाहर एक पुजारी ने कहा ''हमें अब तक कोई शव नहीं मिला है, जिसकी मौत का कारण कोरोनावायरस रहा हो। कल एक शव आया था किन्तु उसका डाह संस्कार विद्युत शवदाह गृह में किया गया था। आप यहां किसी से भी इस तरह के शव का अंतिम संस्कार करने के बारे में बात करते हैं और वह व्यक्ति तुरंत आपसे दूर भाग जाएगा।'' लॉकडाउन के चलते मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाला काउंटर लखनऊ नगर निगम में बंद है।

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ऐसे में एक व्यक्ति ने कहा कि यह कार्यालय लॉकडाउन शुरू होने के बाद से बंद है, एलएमसी का कोई भी शख्स तब से यहां नहीं आया है। ऐसे में जिनकी मृत्यु अभी हो रही है उनको न्म्रत्यु प्रमाण पत्र कैसे मिलेगा। फिलहाल पुजारी द्वारा सभी का नाम रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है। उम्मीद है कि इसी आधार पर लॉकडाउन खुलने के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र लोगों को जारी किया जायेगा।

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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