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असम बोर्ड का टॉपर बना सरफराज, RSS के स्कूल से की है पढ़ाई

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Published on: 31 May 2016 11:11 PM IST
असम बोर्ड का टॉपर बना सरफराज, RSS के स्कूल से की है पढ़ाई
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गुवाहाटी: असम में एक मुस्लिम लड़के ने आरएसएस को खुशी मनाने का एक और मौका दे दिया। हफ्ते भर पहले ही प्रदेश में बीजेपी गठबंधन की सरकार बनी है और पहली बार प्रदेश की सत्ता में पार्टी आई। इस बार खुशी की वजह है कि स्टेट बोर्ड में टॉप करने वाले सरफराज आरएसएस के सहयोग से चलने वाले स्कूल विद्या भारती के छात्र हैं। सरफराज को 600 में से 590 अंक मिले हैं। असम के 10वीं बोर्ड के रिजल्ट मंगलवार को ही आए हैं।

अकेले छात्र नहीं हैं सरफराज

सरफराज की उपलब्धि इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि कुछ और बच्चों को भी उसके जितने अंक मिले, लेकिन वह प्रदेश के पहले मुस्लिम समुदाय से आने वाले छात्र हैं। सरफराज का स्कूल 'विद्या भारती' संघ की शिक्षा विंग से जुड़ा है। सरफराज संघ द्वारा संचालित विद्या भारती स्कूल की ही ब्रांच शंकरदेव शिशु निकेतन से यह उपलब्धि हासिल करने वाले अकेले छात्र नहीं हैं।

कई मुस्लिम छात्र गीता पाठ में इनाम ले चुके हैं

गुवाहाटी के बाहरी हिस्से में स्थित बेटकुची में स्थित स्कूल में 24 मुस्लिम छात्र हैं। इनमें से ज्यादातर छात्रों को स्कूल में गीता पाठ की प्रतियोगिता में इनाम भी मिल चुका है। स्कूल के हेडमास्टर अक्षय कालिटा ने कहा, 'हमसे कभी मुस्लिम समुदाय से आने वाले बच्चों ने कोई शिकायत नहीं की है। हमारा जोर शैक्षिक गुणवत्ता पर रहता है। हम भारतीय संस्कृति के मूल रूप से उनकी पहचान कराते हैं।'

रोजाना भोजन मंत्र का पाठ भी करते हैं

उन्होंने यह भी कहा कि हमने कभी बच्चों में भेदभाव की कोशिश नहीं की। सभी बच्चे स्कूल के नियम के अनुसार लंच एक साथ ही करते हैं। लंच टाइम में स्कूल के सभी बच्चे और शिक्षक भोजन मंत्र का पाठ भी करते हैं।

सरफराज के पिता हैं वेटर

सरफराज के पिता अजमल हुसैन अपने बेटे की उपलब्धि पर बहुत खुश हैं। हुसैन कहते हैं, 'मेरे लिए इस स्कूल से बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती थी क्योंकि यहां शिक्षा मुफ्त में दी जाती है। अपनी छोटी सी सैलरी से बेटे की पढ़ाई का खर्चा उठाना हमारे लिए मुश्किल था।' अजमल गुवाहाटी के एक होटेल में वेटर का काम करते हैं।

पिता ने बेटे की मेहनत को दिया क्रेडिट

बेटे की उपलब्धि के लिए वह सरफराज की मेहनत के साथ उसके स्कूल के शिक्षकों को भी पूरा क्रेडिट देते हैं। उन्होंने कहा कि सरफराज की यह उपलब्धि उसके शिक्षकों के सहयोग के बिना संभव नहीं थी। हुसैन ने इसके लिए हिंदू मान्यताओं के अनुसार शिक्षा की देवी सरस्वती को भी इस उपलब्धि के लिए याद किया। उन्होंने बताया कि स्कूल की सरस्वती पूजा समिति का सचिव सरफराज को बनाया गया था।



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