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सरमा के नफरत लिस्ट में नहीं हैं 'मुसलमान और ईसाई', CM ने बताया हिंदुओं को है किससे खतरा

CM Himanta Biswa Sarma: सरमा ने कहा कि भारत एक सभ्यता है जो 5000 वर्ष पुरानी है। अगर राहुल गांधी और ममता बनर्जी सोचते हैं कि हिंदू खत्म हो जाएगा तो मैं कहूंगा आप खत्म हो जाएंगे।

Sakshi Singh
Published on: 2 March 2025 6:41 PM IST
CM Himanta Biswa Sarma
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CM Himanta Biswa Sarma (photo: social media )

CM Himanta Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नफरत लिस्ट में मुसलमान और इसाई धर्म नहीं बल्कि एक विचार है। सीएम सरमा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुत गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा। उन्होंने बताया कि असल में हिंदुओं को किससे खतरा है।

असम सीएम सरमा ने कहा कि हिंदुओं को मुसलमानों और ईसाइयों से नहीं बल्कि लेफ्ट लिबरल से खतरा है। हिमंत ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोगों का भाषण जब मैं सुनता हूं तो ऐसा लगता है जैसे वे समझते हैं कि जब से हमने संविधान को स्वीकारकिया तब से भारत वर्ष की शुरुआत हुई, लेकिन वास्तिवकता बिल्कुल ऐसा भी नहीं है।

सरमा ने कहा कि भारत एक सभ्यता है जो 5000 वर्ष पुरानी है। औरंगजेब जिसने प्रण किया कि वो हिन्दू धर्म को खत्म कर देगा। लेकिन वह ऐसा कर नहीं पाया। बल्कि खुद खत्म हो गया। आगे उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी और ममता बनर्जी सोचते हैं कि हिंदू खत्म हो जाएगा तो मैं कहूंगा आप खत्म हो जाएंगे।

सरमा ने कहा कि मैं मानता हूं कि हमें यानी हिंदुओं को सबसे ज्यादा खतरा लेफ्ट और लिबरल लोगों से है। हिंदुओं को यहां कमजोर किया गया। ममता बनर्जी को तो यह विरासत मिला है, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार तो लेफ्ट और लिबरल है और आज इस विरासत का ट्रीटमेंट उनका मिल रहा है, मेरी उनसे संवेदना है।

सरमा ने आगे कहा कि आपने हिंदुओं को गोमांस खाना सिखाया, लेकिन आप भूल गए कि हमारे पूर्वज अगर गाय का दूध नहीं पिया हो तो आज हमारा जन्म नहीं होता। मैं हमेशा मानता हूं कि जब तक भारत ने हिंदू सुरक्षित रहेगा। तब तक अन्य धर्म भी सुरक्षित रहेंगे।

सरमा ने और क्या कहा

मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि टीएमसी का कोर वोटर बैंक है। मैं नाम नहीं लेना चाहता हूं। हालांकि उन्होंने संबोधन के दौरान मौज लेते हुए जनता से कहते हैं कि लेकिन अगर आप बोलोगे तो नाम बोल भी देता हूं। आज हमारे देश के मुसलमनान वोट देते हैं तो क्या सोचकर देते हैं तो कया सोचकर देते हैं कि वह व्यक्ति हमारा करीबी है या मैं जानता हूं कि मैं नहीं जानता हूं।

Sakshi Singh

Sakshi Singh

Senior Content Writer

मेरा नाम साक्षी सिंह है। मूलत: प्रयागराज की रहने वाली हूं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने बैचलर और मास्टर दोनों ही जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन विषय से किया है। पत्रकारिता की शुरुआत दैनिक जागरण (प्रिंट) से किया। दैनिक भास्कर (डिजिटल) में प्रयागराज में फील्ड रिपोर्टर रही। इसके बाद मैंने अमृत विचार, राजस्थान पत्रिका और नवभारत डिजिटल में लगभग 18 महीने बतौर कंटेट राइटर काम किया। इस संस्थान में नेशनल और इंटरनेशनल की रियल टाइम की खबरें लिखती रही। इसके साथ ही इस संस्थान में मैंने यहां शिफ्ट इचार्ज के तौर पर टीम भी लीड किया है। इस क्षेत्र में काम करते हुए लगभग साढ़े तीन साल से ज्यादा समय हो गए हैं। मेरी रुचि और पकड़ लगभग सभी विषयों पर है। लेकिन इंडियन पॉलिटिक्स और इंटरनेशनल रिलेशन्स में विशेष दिलचस्पी है।

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