TRENDING TAGS :
तबाह हुईं जिंदगियां: असम से लेकर मुंबई तक इतने बुरे हालात, बाढ़ से मचा हाहाकार
भारत में कोरोना संकट और भूकंप के खौफ के बीच मौसम का कहर जन जीवन को काफी प्रभावित कर रहा है। देश के कई राज्यों में बाढ़ बड़ी समस्या बन गयी है। असम से लेकर महाराष्ट्र तक बाढ़ से लाखों लोगों का जीवन बेपटरी हो गया है।
लखनऊ: भारत में कोरोना संकट और भूकंप के खौफ के बीच मौसम का कहर जन जीवन को काफी प्रभावित कर रहा है। देश के कई राज्यों में बाढ़ बड़ी समस्या बन गयी है। असम से लेकर महाराष्ट्र तक बाढ़ से लाखों लोगों का जीवन बेपटरी हो गया है। सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। नदियां उफान पर हैं। लोगों के घर गृहस्थी डूब गए या बह गए हैं।
असम में 26 जिले बाढ़ से प्रभावित
दरअसल, असस में बाढ़ से हालात खराब होते ही जा रहे हैं। राज्य की आठ नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बाह रहीं हैं। इसमें बह्मपुत्र भी शामिल हैं। वहीं असम के 33 जिलों से 26 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। 36 लाख से ज्यादा लोगों पर इसका असर पड़ रहा है।
काजीरंगा नेशनल पार्क का 80 फीसदी हिस्सा पानी में डूबा
देश में प्रसिद्द काजीरंगा नेशनल पार्क का लगभग 80 फीसदी हिस्सा बाढ़ में डूब गया है। ऐसे में अब तक 66 पशुओं की मौत हो चुकी है।
ये भी पढ़ेंः राज्यपाल और ममता सरकार में तनातनी बढ़ी, बुलावे पर नहीं आए 20 में से 19 वीसी
सीएम ने किया बाढ़ प्रभावती क्षेत्रों का दौरा:
राज्य के हालातों को लेकर मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल चिंतित हैं। उन्होंने ऊपरी असम के बाढ़-प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर हालात का जायजा लिया है। सीएम सोनोवाल ने जोरहाट में एक राहत शिविर का भी दौरा किया। बता दें कि इन राहत शिविरों में 25 हजार लोग रह रहे हैं।
बारिश से मुंबई में रेड अलर्ट
असम के आलावा महाराष्ट्र के भी बारिश और बाढ़ समस्या बन गयी है। मौसम विभाग में मुंबई में ऑरेंज अलर्ट में संशोधन करते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। यहां बाईट मंगलवार से बारिश हो रही हैं, ऐसे में कई इलाकों में पानी भर गया है। राष्ट्रीय मौसम के मुताबिक़, रायगढ़ और रत्नागिरी जिलों में अगले 18 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है।
ये भी पढ़ेंः बड़ा कीमती Bitcoin: ऐसे बना देता है मालामाल, ट्विटर हैकर्स की नजर
उत्तराखडं में पहाड़ी रास्ते पत्थर गिरने से बंद
उत्तराखडं में मौसम के चलते पत्थर गिर गए, ऐसे में बदरीनाथ हाईवे 31 घंटे के लिए बंद कर दिया गया था। बाद में रास्ता साफ़ कराये जाने के बाद इसे खोला गया। उत्तराखंड में दक्षिण पश्चिमी मानसून कमजोर पड़ गया है। ऐसे में मानसून सीजन की बारिश में कमी आ सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में कई जगहों पर भारी बारिश तो वहीं कुछ जगह हल्की और मध्यम बारिश हुई। इस दौरान राजधानी देहरादून व धुमाकोट में 70, गैरसैंण में 50, नंदप्रयाग में 40 मिमी बारिश दर्ज हुई। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि मानसून के अगले कुछ दिन में तेज होने के आसार हैं।
देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।