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असम बाढ़ में 62 मौतें: तेज बारिश से संकट बढ़ा, 60 सालों का टूटा रिकॉर्ड
Assam Flood: भारत के पूर्वी-उत्तर राज्यों में बाढ़ का संकट छाया हुआ है। तेज बारिश के कारण असम (Rainfall in Assam) और मेघालय में सबसे ज्यादा हालात खराब है।
Assam Flood Death Report: भारत के पूर्वी-उत्तर राज्यों में बाढ़ का संकट छाया हुआ है। तेज बारिश के कारण असम और मेघालय में सबसे ज्यादा हालात खराब है। बारिश की वजह से करीब 19 लाख से अधिक लोग बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बारिश का यह आलम है कि पिछले 60 सालों का रिकॉर्ड टूट गया है। दोनों राज्यों में लगातार हो रही बारिश की वजह से कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आ रही है।
बाढ़ की वजह से 62 लोगों की मौत
भारतीय मौसम विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार असम और मेघालय में भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है। असम-मेघालय में राज्यों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। दोनों राज्यों में बारिश और बाढ़ की वजह से 62 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 10 हजार से अधिक लोग सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट किए गए हैं।
असम में बाढ़ की वजह से आठ और लोगों की मौत
असम में बाढ़ की स्थिति रविवार को और खराब हो गई तथा इसमें आठ और लोगों की मौत हो गई। बाढ़ के कारण जिले में 37 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, भूस्खलन के कारण तीन लोगों की मौत हो गई और दिन में पांच लोग अलग-अलग स्थानों पर डूब गए।
इस साल बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की कुल संख्या 70 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि राजधानी गुवाहाटी में शनिवार रातभर हुई बारिश की वजह से कई इलाकों में पानी भर गया। प्रशासन ने गुवाहाटी शहर डैम के भरालू के सभी गेट को बंद कर दिया है।
आधे दर्जन स्थानों से भूस्खलन
पिछले हफ्ते से हो रही बारिश ने असम के विभिन्न हिस्सों में जनजीवन को अस्तव्यस्त कर दिया है। कामाख्या, खारघुली, हेंगराबारी, सिल्पुखुरी और चंद्रमारी कॉलोनी सहित शहर में अन्य आधे दर्जन स्थानों से भूस्खलन (landslide incidents) होने की खबर है। डिब्रूगढ़ जिले के रोहमोरिया बलिजन में एक दर्दनाक घटना भी सामने आई। यहां ब्रह्मपुत्र नदी में एक नाव के पलट जाने से चार लोग लापता हो गए हैं। तलाशी अभियान जारी है।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में एक तेंदुए सहित कम से कम पांच जानवरों की मौत हो गई है। पार्क का 15 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र पानी में डूब गया है। पड़ोसी राज्य मेघालय के हालात भी बारिश और बाढ़ के कारण बदतर बने हुए हैं। राज्य में करीब पांच लाख लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि भूस्खलन के कारण दो राष्ट्रीय राजमार्ग कट गए हैं।
मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने किया निरीक्षण
पूर्वी जयंतिया हिल में राजमार्ग का निरीक्षण करने पहुंचे मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि 48 से 72 घंटों के बीच सड़क में भारी वाहन चलने लायक बनाया जा सकता है लेकिन छोटे वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से ही जाना होगा। मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से राज्य में इस हफ्ते 18 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि सड़कों को साफ करने और फंसे लोगों को निकालने के लिए एजेंसियों की सहायता ली जा रही है।