TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

निजी क्षेत्र में नौकरियों का टोटा, दो तिमाहियों के बाद सुधार की उम्मीद : ASSOCHAM

देश का कॉरपोरेट जगत जहां अपने बैलेंस शीट पर कर्जों का बोझ कम करने के लिए अपने लागत को तर्कसंगत बनाने में (मजदूरी के खर्चों सहित) अपनी ज्यादातर ऊर्जा लगा रहा है, वहीं निजी क्षेत्र में भर्तियों में वित्त वर्ष 2018-19 तक गिरावट जारी रहने की संभावना है।

tiwarishalini
Published on: 19 Nov 2017 11:45 AM IST
निजी क्षेत्र में नौकरियों का टोटा, दो तिमाहियों के बाद सुधार की उम्मीद : ASSOCHAM
X
निजी क्षेत्र में नौकरियों का टोटा, दो तिमाहियों के बाद सुधार की उम्मीद : ASSOCHAM

नई दिल्ली : देश का कॉरपोरेट जगत जहां अपने बैलेंस शीट पर कर्जों का बोझ कम करने के लिए अपने लागत को तर्कसंगत बनाने में (मजदूरी के खर्चों सहित) अपनी ज्यादातर ऊर्जा लगा रहा है, वहीं निजी क्षेत्र में भर्तियों में वित्त वर्ष 2018-19 तक गिरावट जारी रहने की संभावना है।

दा एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) द्वारा अपने सदस्यों की प्रतिक्रिया के आधार पर किए गए मूल्यांकन में यह बात कही गई है।

यह भी पढ़ें ...एसोचैम ने कहा- GST साबित होगी मोदी सरकार की बेहतरीन उपलब्धि

एसोचैम ने अपने अध्ययन में कहा, "फिलहाल कंपनियों का जोर कर्ज घटाने, संगठित होने, गैर प्रमुख उद्योग से निकलने और बैलेंट शीट को हल्का और मजबूत बनाने पर है। यह अगले डेढ़ तिमाहियों तक जारी रहने की संभावना है। कंपनियां अपने मार्जिन में सुधार और ऋण की लागत को कम करने में व्यस्त होंगी, यहां तक कि शीर्ष कंपनियों की वृद्धि दर भी प्रभावित होगी।"

यह भी पढ़ें ... उत्तर प्रदेश में नौ लाख करोड़ के प्रोजेक्ट अधर में, एसोचैम की रिपोर्ट

इसमें कहा गया, "इन परिस्थितियों में, नई भर्तियों की संभावना कम से कम दो तिमाहियों के लिए उज्जवल नहीं दिख रही है। हालांकि, अगले वित्त वर्ष से चीजें सुधरेंगी।"

यह भी पढ़ें ... एसोचैम का सुझाव, ये काम किया तो UP में 2.5 लाख को मिल सकता है रोजगार

एसोचैम ने कहा कि गौरतलब है कि ज्यादातर कटौती दूरसंचार, वित्तीय (निजी बैंकों और गैर-बैकिंग वित्त कंपनियों समेत), सूचना प्रौद्योगिकी, रियल्टी और अवसंरचना के क्षेत्र में हो रही है। "विशेष रूप से, सरकार द्वारा पुनर्पूजीकरण के बाद, सरकारी बैंक भी अपने परिचालन अनुपात को कम करने के लिए कर्मचारियों की लागत में कटौती करेंगे तथा नई भर्तियों में भी कटौती होगी।"

यह भी पढ़ें ... जीएसटी लागू करने से आई ‘अस्थायी मंदी’ : एसोचैम-ईवाई सर्वेक्षण

एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा, "हालांकि, मूडीज द्वारा भारत की रेटिंग बढ़ाने से उद्योग जगत की भावना में सुधार हुआ है। लेकिन, अगली दो तिमाहियों तक निजी क्षेत्र की स्थिति चुनौतीपूर्ण रहेगी। उसके बाद चीजें सुधरेंगी और वर्तमान में उच्च कर्ज, ग्राहकों की धीमी मांग जैसी समस्याएं 2018 के अप्रैल से दूर होनी शुरू हो जाएगी। किसी भी हालत में, किसी अप्रिय घटना को छोड़कर वित्त वर्ष 2018-19 चालू वित्त वर्ष से बेहतर रहेगा।"

--आईएएनएस



\
tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story