×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

D'ANNI: ऐसे गई थी देश की अंतरिक्ष बेटी की जान, कोई नहीं बचा था जिंदा

Newstrack
Published on: 1 Feb 2016 5:56 PM IST
DANNI: ऐसे गई थी देश की अंतरिक्ष बेटी की जान, कोई नहीं बचा था जिंदा
X

लखनऊ: अमेरिका के कोलंबिया से छोड़ा गया नासा का स्पेस एसटीएस(सेटेलाइट ट्रांसपॉर्टेशन सिस्टम) शटल बहुत मनहूस था। भारत की कल्पना चावला भी उसमें सवार थीं। पहली बार साल 2000 में एसटीएस को अंतरिक्ष भेजना था, लेकिन मिशन में हुई देरी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। इस उड़ान में कल्पना का भी नाम शामिल था। दूसरी बार फिर इसे अंतरिक्ष में भेजा गया, जिसमें कल्पना सवार थी।

नासा को इसकी जानकारी पहले भी हो गई थी कि 'शटल में खराबी आ गई है और उसे सुरक्षित उतारना मुमकिन नहीं होगा'। सभी को ये एहसास था कि इसमें सवार कोई भी जिंदा नहीं बचेगा। एक फरवरी 2003 को शटल जमीन पर गिरा तो उसमें कल्पना चावला समेत सवार सभी लोग जिंदा जल कर राख हो चुके थे ।

आखिर कौन थी कल्पना?

-कल्पना का जन्म हरियाणा के करनाल में 17 मार्च 1962 में हुआ।

-पंजाब विश्वविद्यालय से 1982 में वो एरानोटिकल इंजीनियर बनी।

-उच्च शिक्षा के लिए 1982 में अमेरिका गईं।

-अमेरिका से 1984 में एरानोटिक की मास्टर डिग्री ली।

स्पेस में जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं कल्पना

-1988 में उन्होंने नासा के रिसर्च सेंटर के लिए काम शुरू किया।

-स्पेश शटल एसटीएस 87 से वो 1997 में पहली बार अंतरिक्ष में गईं।

-पहले मिशन में एक करोड 40 हजार मील की यात्रा की। अंतरिक्ष में चावला ने 372 घंटे गुजारे।

-एसटीएस 107 2003 में ही 16 जनवरी को अंतरिक्ष में गया, लेकिन इस असफल मिशन में कल्पना की जान एक फरवरी को चली गई। ​



\
Newstrack

Newstrack

Next Story