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Supreme Court: 'माफिया अतीक की बहन शाहीन को सौंपी बच्चों की कस्टडी', सुप्रीम कोर्ट में बोली यूपी सरकार
Atiq Ahmed Son's Custody: सर्वोच्च न्यायालय में यूपी के माफिया अतीक अहमद की बहन शाहीन ने सुधार गृह में रह रहे अपने भतीजों की कस्टडी मांगी थी।
SC on Atiq Ahmed Son's Custody: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यूपी के माफिया अतीक अहमद के दो नाबालिग बेटों की कस्टडी से जुड़े मामले का मंगलवार (10 अक्टूबर) को निपटारा किया। बाहुबली अतीक की बहन शाहीन ने प्रयागराज बाल सुधार गृह (Atiq Ahmed Son Released Juvenile Home) में रह रहे भाई के दोनों बच्चों की कस्टडी मांगते हुए याचिका दाखिल की थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने अदालत को बताया कि, दोनों बच्चों को 09 अक्टूबर को ही सुधार गृह से शाहीन को सौंप दिया गया है।
आपको बता दें, अतीक अहमद के दोनों बेटों अहजम अहमद और अबान को कल (9 अक्टूबर) को राजरूपपुर स्थित बाल सुधार गृह से निकाल कर उसकी बुआ परवीन अहमद कुरैशी (Parveen Ahmed Qureshi) को सुपुर्द कर दिया गया। जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, अतीक अहमद की बहन परवीन अहमद पूरामुफ्ती थाना के हटवा गांव में रहती हैं। उन्होंने अतीक के दोनों बेटों के पालन-पोषण का जिम्मा लेते हुए उन्हें अपने सुपुर्द करने का एक प्रार्थना पत्र दिया था।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद से बाल सुधार गृह में
गौरतलब है कि, इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में उमेश पाल और दो सरकारी गनर को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। इस शूटआउट केस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि वारदात में जिस आईफोन का इस्तेमाल हुआ था उनकी कोडिंग अतीक के बेटे अहजम अहमद ने ही की थी। उमेश पाल शूटआउट केस (Umesh Pal Shootout Case) में कस्टडी रिमांड पर लिए गए अतीक अहमद के वकील खान सौलत हनीफ ने भी अपने बयान में ये बात पुलिस को बताई थी। बावजूद, पुलिस ने अहजम अहमद को आरोपी नहीं बनाया था।
पुलिस को लावारिस हालात में मिले थे अतीक के बेटे
उमेश पाल हत्याकांड के बाद प्रयागराज पुलिस (Prayagraj Police) को अहजम और उसके छोटे भाई आबान लावारिस हालत में घर के पास कसारी-मसारी में घूमते मिले थे। ये दोनों नाबालिग थे। इस वजह से धूमनगंज थाना पुलिस ने इन दोनों को बाल सुधार गृह भेज दिया। 4 मार्च से अतीक अहमद के दोनों बेटे प्रयागराज के राजरूपपुर इलाके के बाल सुधार गृह में रह रहे हैं। माफिया अतीक के बाल सुधार गृह में रखे गए बेटों के बारे में 10 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।